राष्ट्रीय ई-पंचायत पुरस्कार के लिए फिर छत्तीसगढ़ का चयन

रायपुर (ब्यूरो)। राष्ट्रीय ई-पंचायत पुरस्कार लिए केन्द्र सरकार ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ का चयन किया है। पंचायतों के कामकाज में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर ई-प्रशासन (ई-गवर्नेन्स ) को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय द्वारा ई-पंचायत पुरस्कार शुरू किया गया है। छत्तीसगढ़ को वर्ष 2014 के लिए 30 लाख स्र्पए का द्वितीय पुरस्कार मिला है।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अजय चन्द्राकर सहित विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों तथा प्रदेश की ग्रामीण जनता और पंचायत राज संस्थाओं के पदाधिकारियों तथा सदस्यों को बधाई दी है। छत्तीसगढ़ को इसके पहले भी राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर 25 अपै्रल 2012 को राष्ट्रीय ई-पंचायत पुरस्कार योजना के तहत 30 लाख स्र्पए का द्वितीय पुरस्कार मिला था।

केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुशील कुमार ने छत्तीसगढ़ सरकार के अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास एमके राउत को भेजे पत्र में वर्ष 2014 के द्वितीय पुरस्कार के लिए छत्तीसगढ़ का चयन की जानकारी दी है। ई-पंचायत पुरस्कार योजना ग्राम पंचायतों के काम-काज में कम्प्यूटर तथा इन्टरनेट के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए संचालित की जा रही है।

छत्तीसगढ़ में ग्राम पंचायतों के हिसाब-किताब को जहां इन्टरनेट के जरिए ऑन लाइन किया गया है, वहीं पारदर्शिता की दृष्टि से योजनाओं के खर्च को भी वेबसाइट में प्रदर्शित किया जा रहा है। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा राज्य है, जिसने जनपद पंचायत (विकासखण्ड) स्तर तक व्ही.सेट और कम्प्यूटर उपकरण स्थापित कर उन्हें इन्टरनेट सेवाओं से जोड़ा है।

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