बुढ़ापा पेंशन बढ़ाने का हो सकता है पहला फैसला: हरियाणा में सत्ता संभालने के बाद भाजपा पहले फैसले के रूप में बुढ़ापा पेंशन बढ़ाकर 2000 रुपए कर सकती है। पार्टी ने चुनाव घोषणा पत्र में यह वादा भी किया है। इस फैसले से वह सर्वसमाज को छूने की कोशिश करेगी। प्रदेश में अभी बुढ़ापा पेंशन 1000 रुपए हैं। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इसे 1500 रुपए करने का वादा किया था। कैबिनेट मीटिंग में इस फैसले पर मुहर भी लग चुकी थी।
घोषणा पत्र के मुताबक भाजपा की ये होंगी प्राथमिकताएं
भ्रष्टाचार पर लगाम: पार्टी हुड्डा सरकार के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर सत्ता में आई है। इसलिए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए सीएलयू की पॉलिसी में बदलाव करके उसे पारदर्शी बनाया जा सकता है। लोकायुक्त को लोकपाल विधेयक की तर्ज पर अधिकार दिए जा सकते हैं। मंत्रियों की संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक किया जा सकता है। विजिलेंस जैसी जांच एजेंसी को और अधिकार संपन्न बनाया जा सकता है। सरकारी विभागों में एकल खिड़की का प्रयोग किया जा सकता है।
सड़क, सफाई, बिजली-पानी: पार्टी घोषणा पत्र में सभी गांवों तक पीने का स्वच्छ पानी, 24 घंटे बिजली देने समेत कई वायदे किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी स्वच्छ भारत पर फोकस है, इसलिए भाजपा प्रदेश के लोगों को मूलभूत सुविधाएं, पानी, बिजली, सड़क, सीवरेज, सफाई आदि पर फोकस कर सकती है।
नौकरियों में इंटरव्यू सिस्टम पर पुनर्विचार: प्रदेश में नौकरियों में भेदभाव के गंभीर आरोप लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से भाजपा को युवाओं का काफी साथ मिला है। इसलिए पार्टी नौकरियों में पारदर्शी चयन प्रक्रिया लागू कर सकती है। इसके लिए इंटरव्यू व्यवस्था पर पुनर्विचार करके ऑनलाइन परीक्षा अथवा एकेडमिक क्वालिफिकेशन के आधार पर मैरिट बनाने जैसा फार्मूला लागू किया जा सकता है।
पिछली सरकार के 6 माह के फैसलों की समीक्षा: चूंकि हरियाणा में हुड्डा सरकार पर नौकरियों के साथ-साथ संवैधानिक संस्थाओं में पदों की बंदरबांट और चहेतों को लाभ पहुंचाने के आरोप लगते रहे हैं। इसलिए पार्टी हुड्डा सरकार की ओर से आखिरी 6 महीने में लिए गए सभी फैसलों की समीक्षा कर सकती है। इसमें जिन फैसलों में पक्षपात या नियमों का उल्लंघन पाया गया तो उन्हें बदला भी जा सकता है।