भारत में हम ढाबों, रेस्तरां, बाजारों व होटलों में अक्सर बच्चों को काम करते देखते हैं। ये दृश्य हम में से बहुतों की अंतरात्मा को कचोटते हैं, परंतु कुछ ही समय में हम सब कुछ भूलकर अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में व्यस्त हो जाते हैं। बल्कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में हम सब कहीं न कहीं इन बाल श्रमिकों की सेवाएं ले रहे होते हैं।
गरीबी बाल मजदूरी का सबसे बड़ा कारण है। बाल श्रमिकों का जीवन बहुत ही नीरस और कष्टप्रद तरीके से बीतता है। मानो बचपन उनके लिए कभी था ही नहीं! घरेलू बाल मजदूरी हमें सीधे तौर पर दिखता है। परंतु बहुत से ऐसे बच्चे हैं, जो खेतों, खदानों, फैक्टरियों और खतरनाक उद्योगों में काम कर रहे हैं। बाल श्रमिक अपनी आजादी, बचपन, शिक्षा पाने का अधिकार, सब कुछ खो देते हैं। बाल मजदूरी इनके शारीरिक व मानसिक, स्वास्थ्य तथा व्यक्तित्व को प्रभावित करती है।
विश्व श्रम संगठन के अनुसार, दुनिया भर में पांच से 10 करोड़ तक घरेलू कामगार हैं, जिनमें से बाल श्रमिकों की संख्या 30 फीसदी तक है। ये बच्चे अक्सर बहुत कम वेतन पर काम करते हैं। इनमें से बहुत से बच्चों से जबरन क्षमता से अधिक काम कराया जाता है। कई बच्चे शारीरिक व यौन शोषण का शिकार होते हैं। भारत में आजादी के बाद बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए बहुत से सांविधानिक प्रावधान किए गए हैं, जिनमें सबसे प्रमुख बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 है।
यह कानून 14 साल से छोटे बच्चों को खतरनाक व्यवसायों में काम से रोकता है। समय-समय पर इसमें संशोधन भी हुए हैं। ऐसे ही एक संशोधन के जरिये सरकार ने घरेलू नौकरों के रूप में तथा ढाबों, चाय की गुमटियों, रेस्तरां, होटलों व पर्यटन क्षेत्र में बच्चों से काम लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। देश के मौजूदा कानून बाल श्रम रोकने में सक्षम हैं, पर उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने की जरूरत है।
इस मामले में अमेरिका के कानून काफी अच्छे हैं, और उनका सही तरीके से पालन भी हो रहा है। अमेरिका में सामान्य (खतरे रहित) गैर कृषि रोजगार के लिए न्यूनतम आयु 14 वर्ष, व खतरनाक श्रेणी में आने वाले उद्यमों के लिए उम्र सीमा 18 वर्ष है। हालांकि कृषि क्षेत्र में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चे सामान्य कृषि कार्य व 16 साल से ऊपर के बच्चे खतरा युक्त कृषि कार्य अभिभावकों की सहमति से कर सकते हैं।
इसके लिए उन्हें पारिश्रमिक भी दिया जाता है। खेतों पर अक्सर इन्हें घंटों कड़ा श्रम करना पड़ता है और अत्यधिक गर्मी और कीटनाशकों आदि से भी सामना करना पड़ता है। यानी अमेरिका में कृषि क्षेत्र से संबंधित बाल श्रम कानून अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा कम सख्त है। अमेरिका के कई कानूनविद मानते हैं कि अमेरिकी श्रम कानूनकृषि क्षेत्र में कार्यरत बाल श्रमिकों के हितों की रक्षा में विफल है।