नगारिक आपूर्ति निगम और राज्य सहकारी विपणन संघ मिलकर खरीदी करेंगे। ये ई-उपार्जन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पंजीकृत किसानों से ही अनाज लिया जाएगा। किसानों को फसल लाने की तारीख एसएमएस से बताई जाएगी। उन्हें दी गई कम्प्यूटरीकृत रसीद में ही अनाज की मात्रा और राशि दर्ज रहेगी। भुगतान किसानों के खातों में सात दिनों में हो जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि पिछली बार की खरीदी नीति में ही बोनस का जिक्र था पर इस बार कोई फैसला नहीं हो पाया है। विभागीय अफसरों का कहना है कि अब कोई निर्णय कैबिनेट के स्तर पर ही होगा। ज्ञात हो कि केन्द्र ने राज्य को अब तक बोनस को लेकर फैसले पर पुनर्विचार करने संबंध्ाी जो पत्र लिखा था उसका जवाब नहीं दिया है।
एक-एक किसान का होगा सत्यपान
समर्थन मूल्य पर होने वाली धान खरीदी में फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए एक-एक किसान का सत्यापन किया जाएगा। पटवारी किसान द्वारा बताए रकबे का सौ प्रतिशत सत्यापन कराया जाएगा। तहसीलदार 10 और एसडीओ 5 प्रतिशत पंजीयन का फील्ड वेरीफिकेशन करेंगे। खरीदा गया धान समितियां परिवहनकर्ता को बिल्टी दिखाने पर ही देंगी। गोदाम में धान जमा होने के दूसरे दिन संस्था को स्वीकृति पत्रक दिया जाएगा। इससे धान जमा करने के नाम पर होने वाला खेल नहीं हो पाएगा।
कहां कौन खरीदेगा
सागर, रीवा और शहडोल संभाग के साथ कटनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, मंडला और सिवनी में नागरिक आपूर्ति निगम खरीदी करेगा। बाकी जिलों में राज्य सहकारी विपणन संघ खरीदी करेगा।
दागी समितियों में खरीदी नहीं
विभागीय अफसरों ने बताया कि ऐसी समितियां जहां गेहूं खरीदी के दौरान गंभीर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई थीं, वहां धान खरीदी केन्द्र नहीं बनाए जाएंगे। साथ ही गंभीर किस्म की शिकायतों वाले केन्द्रों को भी खरीदी से दूर रखा जाएगा। नए केन्द्र खोलने को लेकर निर्णय कलेक्टर की सिफारिश पर आयुक्त खाद्य करेंगे।
मोटे अनाज की खरीदी 27 से
मोटे अनाज (ज्वार, बाजरा और मक्का) की समर्थन मूल्य पर खरीदी 27 अक्टूबर से 25 जनवरी तक होगी। हाईब्रिड ज्वार 15 सौ 30, ज्वार मानदण्डी 15 सौ 50, बाजरा 12 सौ 50 और मक्का 13 सौ 10 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी जाएगी। खरीदी नागरिक आपूर्ति निगम करेगा।