मप्र में उद्योग लगाइए, प्रोडक्ट की हम करेंगे मार्केटिंग: मुख्‍यमंत्री

इंदौर। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों का कद बढ़ाते हुए राज्य सरकार इनके लिए अलग मंत्रालय बनाएगी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2014 के पहले दिन बुधवार को जब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इसकी घोषणा की तो ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर का हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से भर गया। इसके साथ ही लघु उद्यमियों की लंबे समय से चली आ रही मांग भी पूरी हुई। मुख्यमंत्री ने लघु उद्यमियों से यह वादा भी किया कि आप प्रदेश में उद्योग लगाएं, आपके उत्पाद और माल की मार्केटिंग और ब्रांडिंग सरकार करेगी। केंद्रीय एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र ने भी लघु उद्यमों के लिए भरपूर सहयोग का भरोसा दिलाया।

लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड भी बनेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ का नारा दिया है। हम ‘मेक इन एमपी’ के साथ उनके सपने को साकार करेंगे। हम मध्यप्रदेश लघु औद्योगिक निगम का दायरा भी बढ़ाना चाहते हैं। इसे लघु उद्योगों की मार्केटिंग भी सौंपने जा रहे हैं। लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड भी बनाएंगे। साल में तीन बार इसकी बैठक होगी। लघु उद्यमियों की समस्याओं का निराकरण भी समय-समय पर करेंगे।

क्लस्टर डेवलपमेंट भारत का प्राचीन सिस्टम

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज क्लस्टर डेवलपमेंट की बात हो रही है, लेकिन यह तो भारत का प्राचीन मंत्र है। हमारे शहरों में बर्तन बाजार, सराफा बाजार, लोहा मंडी, कपड़ा मार्केट, नमकीन बाजार इसके उदाहरण हैं। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से अपील की कि आप प्रदेश में उद्योग लगाएं, आपकी पूंजी को सरकार व्यर्थ नहीं जाने देगी, लेकिन क्वालिटी के साथ समझौता नहीं होना चाहिए।

प्रदेश में 150 करोड़ की लागत से बनेगा टूल रूम

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग के केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने प्रदेश की कृषि विकास दर की सराहना करते हुए कहा कि ऐसा विकास औद्योगिक क्षेत्र में भी होगा। हम देश में 18 नए टूल रूम बनाने जा रहे हैं, इनमें से 150 करोड़ की लागत से एक टूल रूम मध्यप्रदेश में भी बनाया जाएगा। इसे प्रदेश सरकार जहां चाहेगी वहां बनाया जाएगा।

इंदौर में बने विश्व स्तरीय एक्जीबिशन सेंटर

इंदौर की सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रदेश के विकास के लिए मुख्यमंत्री की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि हमें उत्पादन के साथ गुणवत्ता का भी ध्यान रखना होगा। विकास के सभी दरवाजे खोलने के लिए विश्व स्तर का कुछ करना होगा, जो इंदौर के साथ-साथ मध्यप्रदेश की पहचान बने। हमें यहां वर्ल्ड क्लास के स्टेट ऑफ द आर्ट एक्जीबिशन सेंटर की कल्पना को साकार करना होगा।

मुझे दुख होता, जब देश का कोई एक्सपोर्ट कंसाइनमेंट खराब क्वालिटी के कारण विदेश से लौट आता है। इसलिए हमें ऐसा उत्पाद बनाना चाहिए जो भले ही देश में बिके, लेकिन उसकी क्वालिटी ऐसी हो कि उसे लेने विदेश से खरीदार आएं। समारोह में प्रदेश की उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने भी संबोधित किया। सीआईआई के सुधीर मेहता ने प्रदेश में एमएसएमई की प्रबल संभावनाएं बताते हुए आभार माना।

उद्योगों को दिखाया इन उम्मीदों का आसमान

– निवेश परियोजनाओं को सहायता देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय निवेश साधिकार समिति का गठन होगा।

– एमएसएमई इकाइयों केलिए जिला स्तरीय समिति को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।

– नए औद्योगिक क्षेत्रों में कम से कम 20 फीसदी भूमि एमएसएमई सेक्टर के लिए रखी जाएगी।

– गैर प्रदूषणकारी सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण मंडल की अनापत्ति लेने से मुक्ति मिलेगी।

– अपात्र उद्योगों की संख्या 52 से घटाकर 19 की जाएगी।

– श्रम कानून के तहत प्रदेश में इंस्पेक्टर राज से मुक्ति।

– तय समय-सीमा (45 दिन) में उद्योगों के लिए लाइसेंस जारी नहीं किए जाने पर उसे स्वतः ही जारी माना जाएगा।

– तेरह तरह के रिटर्न को समाप्त कर कारोबारियों को अब केवल दो रिटर्न ही देना होंगे।

– श्रम कानूनों के तहत संस्थानों को 61 प्रकार के रजिस्टर की जगह अब मात्र एक रजिस्टर ही मैंटेन करना होगा।

– अपात्र उद्योगों की संख्या 52 से घटाकर 19 की जाएगी।

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