छोटे उद्योगों को लगेंगे पंख, मिलेगा विकास का बेहतर अवसर

पंकज भारती, इंदौर। मध्य प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को विकास के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए इंडिया एसएमई फोरम देश के चुनिंदा शहरों के बाद अब इंदौर में अपना चैप्टर शुरू करेगा। प्रदेश में 4.6 लाख से अधिक उद्यमी एसएमई कैटेगरी में कार्यरत हैं। इंदौर के आसपास स्थित औद्योगिक क्षेत्रों-जैसे सांवेर रोड, पोलोग्राउंड, उद्योगनगर, राऊ औद्योगिक क्षेत्र, लक्ष्मीबाई नगर औद्योगिक क्षेत्र आदि में लघु एवं मध्यम स्तर के उद्योगों की संख्या सबसे अधिक है।

इस फोरम से देशभर के 65 हजार से अधिक उद्यमी जुड़े हैं। इसमें सिर्फ इंदौर से 5 हजार से अधिक एसएमई जुड़े हैं। मप्र में छोटे उद्योगपतियों की संख्या को देखते हुए फोरम ने अपने विस्तार कार्यक्रम के तहत सेंट्रल इंडिया से इंदौर को चुना है। दिसंबर 2014 तक इंदौर में चैप्टर को प्रारंभ किए जाने की बात कही जा रही है। फोरम के मुंबई व दिल्ली, अहमदाबाद, चंडीगढ़, बैंगलुरू, पुणे आदि स्थानों पर चेप्टर हैं।

क्या होगा फायदा

प्रदेश में 4.5 लाख से अधिक एमएसएमई उद्यमियों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने का कार्य इंडिया एसएमई फोरम करेगा। इससे इनकी वित्त की समस्या दूर होगी। साथ ही टेक्नोलॉजी अपग्रेशन के लिए भी समय- समय पर कार्यशाला व अन्य गतिविधियों का आयोजन होगा। इससे प्रदेश के एमएसएमई उद्यमी जागरूक रहेंगे और उन्हें सरकार की सभी योजनाओं का उचित लाभ मिल सकेगा। इंदौर के आसपास फूड प्रोसेसिंग, फार्मा, ऑटोमोबाइल, रेडीमेड गारमेंट, नमकिन, प्लास्टिक, केमिकल आदि सेक्टर की हजारों इकाइयां कार्यरत हैं। एमएसएमई विकास केंद्र पहले से ही इंदौर में कार्य कर रहा है।

एआईएमपी करेगा सहयोग

प्रदेश में उद्योगपतियों की सबसे बड़ी संस्था एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मप्र (एआईएमपी) भी इस फोरम का सहयोग करेगा। एआईएमपी से जुड़े 900 उद्यमियों में से अधिकांश उद्यमी एसएमई सेक्टर के हैं।

इंदौर को चुना

सेंट्रल इंडिया में अपना चेप्टर प्रारंभ करने के लिए हमने इंदौर को चुना है। यह चेप्टर दिसंबर 2014 तक प्रारंभ करने का प्रयास है। – चंद्रकांत सालुंके, फाउंडर एवं चेयरमेन, इंडिया एसएमई फोरम

उद्यमियों को बेहतर संकेत

एसएमई सेक्टर के उद्यमियों को अपने बिजनेस के ग्रोथ के लिए बड़े स्तर पर हर दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इंडिया एसएमई फोरम का इंदौर में चेप्टर प्रारंभ करना यहां के उद्यमियों के लिए एक बेहतर संकेत है। – हेमंत मेहतानी, अध्यक्ष, एआईएमपी

लघु उद्योगों के लिए जमीन उपलब्ध कराएं

लघु उद्योगों के लिए जमीन की काफी कमी है। सरकार जमीन उपलब्ध कराए। शहर के बाहर तो लघु उद्योगों के लिए जमीन मिल रही है, लेकिन शहर में उपलब्ध नहीं हो पा रही। शहर के बाहर जाकर काम करने में परेशानियां आती हैं। बाहर से आने वाली लेबर के लिए भी आवास सुविधा उपलब्ध करवाना चाहिए। सरकार को कम से कम 50 एकड़ जमीन पर मुंबई की तर्ज पर बहुमंजिला औद्योगिक भवन तैयार कराना चाहिए। – अशोक बड़जात्या, अध्यक्ष, जीआईएसटी

कानूनों का होना चाहिए सरलीकरण

लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार को श्रम कानूनों का सरलीकरण करना चाहिए। यदि किसी फैक्ट्ररी में 50 श्रमिक काम करते हैं तो वहां पर श्रम कानून लागू नहीं होना चाहिए। दूसरी मुख्य समस्या कागजी प्रक्रिया की है।हमें अभी सालभर में 61 रजिस्टर एक इकाई को देना पड़ते हैं। इसे खत्म कर एक-दो तक सीमित कर देना चाहिए। श्रम कानून में सजा का प्रावधान है, इसे अर्थदंड में बदलना चाहिए। कागजी प्रक्रिया ज्यादा होने से भ्रष्टाचार भी बढ़ता है। – विनीत जैन, सचिव, लघु उद्योग भारती

इंदौर में व्यस्थित ढंग से खुले कार्यालय

एमएसएमई के लिए सरकारी नियम-कायदों को परिवर्तित करना चाहिए। जैसे फार्मा इंडस्ट्री में हर प्रोडक्ट के लिए लाइसेंस लेना होता है। इंदौर में काम होता नहीं भोपाल के चक्कर लगाना पड़ते हैं। इसमें पैसा और समय दोनों लगता है। इंदौर में ही व्यवस्थित ढंग से लाइसेंस संबंधी काम के लिए कार्यालय शुरू होना चाहिए। साथ ही पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र, गुजराज में तीन दिन में लाइसेंस मिल जाता है। ऐसा यहां भी होना चाहिए। – डॉ .दर्शन कटारिया, ज्वॉइंट प्रेसीडेंट एंड सेक्रेटरी इन चीफ ऑफ पीथमपुर औद्योगिक संगठन

जमीन आवंटन का सरलीकरण होना चाहिए

मप्र में करीब एक लाख दस हजार के आसपास पंजीकृत लघु उद्योग हैं, जो 45 से 50 लाख लोगों को रोजगार देते हैं। कम पूंजी में अधिक रोजगार देने का काम एमएसएमई के जरिए ही होता है। सरकार को लघु उद्योगों के लिए जमीन आवंटन, सस्ता कर्ज और ब्याज अनुदान में वृृद्धि करनी चाहिए। प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी पर खास ध्यान देने की जरूरत है। हर बिजनेसमैन को काम के सिलसिले में भोपाल जाना पड़ता है, यहां के लिए एयर कनेक्टिविटी अच्छी होनी चाहिए। नोटिफिकेशन भी जल्द होना चाहिए। – आरजी द्विवेदी, क्षेत्रीय निदेशक, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, मध्यप्रदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *