महिलाओं के लिए सार्वजनिक सुविधाएं आधी भी नहीं

महिलाओं को सार्वजनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के मामले में दिल्ली पीछे है। यहां के तीनों नगर निगम क्षेत्रों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए सार्वजनिक सुविधाएं आधी ही हैं। सार्वजनिक शौचालयों के अलावा पुरुषों के लिए अलग से यूरीनल ब्लॉक हैं जबकि महिलाओं के लिए ऐसी कोई भी सुविधा नहीं है।

तीनों ही निगम क्षेत्रों में लोगों को उपलब्ध कराई जा रही सार्वजनिक सुविधाओं की तुलना आबादी से करें तो यह बेहद कम साबित होती हैं। उत्तरी दिल्ली निगम क्षेत्र में लगभग 70 लाख की आबादी रहती है और यहां पर केवल 542 कम्युनिटी टॉयलेट कांप्लेक्स हैं। जबकि, दक्षिणी दिल्ली निगम क्षेत्र की 65 लाख से ज्यादा की आबादी के लिए 211 और पूर्वी दिल्ली की 40 लाख से ज्यादा आबादी के लिए 102 कम्युनिटी टॉयलेट कांप्लेक्स बनाए गए हैं।

खराब रखरखाव: आबादी की तुलना में सार्वजनिक सुविधाएं कम तो हैं ही, रखरखाव के चलते खराब पड़े सार्वजनिक शौचालयों के चलते यह समस्या और बढ़ गई है। प्रधानमंत्री की पहल के बाद शुरू हुई स्वच्छ भारत अभियान के बाद इन्हें ठीक करने की कवायद की जा रही है ताकि दिल्ली स्वच्छ हो सके।

चुनौती से कम नहीं
दिल्ली की डेढ़ करोड़ से ज्यादा की आबादी के लिए सार्वजनिक सुविधाएं उपलब्ध कराना चुनौती से कम नहीं है। तीनों ही निगम क्षेत्रों में कम्युनिटी टॉयलेट कॉम्प्लेक्स बनाए गए हैं। यहां पर महिला और पुरुष दोनों के लिए सार्वजनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके अलावा, तीनों ही निगमों ने पुरुषों के लिए यूरीनल ब्लॉक बनाए हैं। लेकिन, महिलाओं के लिए इस तरह की कोई भी सुविधा नहीं जुटाई गई है। इसके चलते महिलाओं के लिए सार्वजनिक सुविधाएं आधी से भी कम रह जाती हैं।

उत्तर दिल्ली में 150 टॉयलेट ब्लॉक के लिए जगह की तलाश
उत्तरी दिल्ली नगर निगम अपने क्षेत्र में 150 नए टॉयलेट ब्लॉक बनाने के लिए जगह की तलाश कर रही है। ये टॉयलेट मेट्रो स्टेशन, बस टर्मिनल, रेलवे स्टेशन, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और बाजारों के आसपास बनाए जाएंगे। इसके अलावा महिलाओं के लिए अलग से टॉयलेट ब्लॉक बनाने की योजना पर भी उत्तरी नगर निगम काम कर रहा है।

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