देश में 21 फीसदी बढ़ सकता है बासमती चावल का उत्पादन

इस खरीफ सीजन में बासमती चावल का उत्पादन 21 फीसदी बढ़ सकता है। अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ के मुताबिक चालू सीजन में बासमती चावल का उत्पादन बढ़कर 80 लाख टन पहुंच सकता है। पिछले खरीफ सीजन में 66 लाख टन उत्पादन हुआ था। संघ के अनुमान के अनुसार अनियमित बारिश की वजह से देश के किसानों ने गैर बासमती की जगह बासमती की बुआई की है। दरअसल बासमती की फसल त्यार हो जाता है। अब तक पूरे देश में सामान्य से 11 फीसदी कम बारिश हुई है।

इस साल किसानों ने पूसा 1121 की जगह ज्यादा उपज वाले पूसा 1509 बासमती की बुआई की है जिसके कारण चावल का उत्पादन बढ़ सकता है। चावल निर्यातक संघ के मुताबिक पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पूसा 1509 ज्यादा बुआई हुई है। साथ ही HBC-19, Type-3/370 और CSR-30 बासमती की बुआई भी बढ़ी है।

संघ के मुताबिक अब तक देश में 21 लाख हेक्टेयर में बासमती की बुआई हुई है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 31 फीसदी ज्यादा है। बासमती का रकबा इसलिए भी बढ़ा है क्योंकि पिछले साल अच्छा रिटर्न दिया था।

छोटी अवधि वाले पूसा 1509 चावल की बुआई की शुरूआत पिछले साल हुई थी। पूसा 1509 एक ह्केटयर में 2200-2400 टन पैदा होता है वहीं पूसा 1121 एक हेक्टेयर में 1500-1600 टन उत्पादन होता है। दोनो के उत्पादकता में काफी अंतर है।

पंजाब में इसकी बुआई 30-35 फीसदी ज्यादा ही है। वहीं, उत्तर प्रदेश की कुल बुआई के रकबे का 70 फीसदी हिस्से में 1509 की बुआई हुई है। पिछले साल इस किस्म के बासमती की बुआई राज्य में नहीं हुई थी। पूसा 1509 90 दिन की फसल है।

देश में कुल चावल का रकबा पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है जिसमें बासमती शामिल है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 373.6 लाख हेक्टेयर में हुआई हुई है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 0.1 फीसदी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *