क्या कहा था मोदी ने
मोदी ने बुधवार को देश के पहले एकीकृत फूड पार्क का उद्घाटन करते हुए कहा, "हम पेप्सी, कोका कोला पीते हैं और मुझे नहीं पता कि ऐसे कितने और ड्रिंक बाजार में उपलब्ध हैं। यह अरबों रुपए का कारोबार है। मैंने कंपनियों से कहा है कि क्या वे अपने ड्रिंक्स में पांच प्रतिशत फलों का रस मिला सकती हैं?" उन्होंने कहा, "मैं ज्यादा के लिए नहीं कह रहा। अगर किसानों द्वारा उत्पादित फलों का जूस कोल्ड ड्रिंक्स में मिलाया जाता है, तो किसान अपनी फसल की बिक्री के लिए बाजार तलाशने को मजबूर नहीं होंगे। इस तरह के एक ही फैसले से अरबों रुपए का कारोबार सुनिश्चित हो सकता है।" मोदी ने यह भी कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार के रिसर्च संगठनों से पहले ही कहा है कि वे कोला ड्रिंक्स में फलों के रस के मिश्रण की संभावना पर काम करें। मोदी ने कहा कि किसान हमारा तो पेट भर देता है, लेकिन उसकी जेब खाली रहती है। किसानों की जेब भरने का इंतजाम होना चाहिए। उन्हें उत्पाद का सही दाम मिलना चाहिए। गांववालों को उनकी फसल का सही मूल्य मिलना शुरू हो जाएगा तो उनका विकास होगा। जब गांव का विकास होगा तो शहर का भी विकास होगा। इससे देश की इकोनॉमी सुधरेगी और देश तरक्की करेगा।
कोल्ड ड्रिंक्स में फ्रूट जूस मिलाने की मोदी की सलाह मार्स मिशन से बड़ी चुनौती: विशेषज्ञ
तुमकुर (कर्नाटक): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेप्सी, कोका कोला जैसी सॉफ्ट ड्रिंक कंपनियों को कहा है कि वे अपने उत्पादों में 5 प्रतिशत फल का रस मिलाने की कोशिश करें, ताकि भारत में कठिनाई में पड़े किसानों को अपने उत्पादों के लिए एक नया बाजार मिल सके। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोल्ड ड्रिंक्स के फॉर्मूले को बदलना नामुमकिन है। मोदी की इस योजना पर सॉफ्ट ड्रिंक्स इंडस्ट्री से जुड़े पुराने लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि कोल ड्रिंक में जूस मिलाना इसरो द्वारा मंगल की कक्षा में यान भेजने से बड़ी चुनौती है। मोदी इसरो की इस कामयाबी के मौके पर बुधवार को बेंगलुरु में मौजूद थे। एक अंग्रेजी अखबार ने इन एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा है कि कोल ड्रिंक्स के फॉर्मूले को बदलना न केवल नामुमकिन है, बल्कि तर्कसंगत भी नहीं है। बता दें कि कोका कोला कुछ देशों में फ्रूट वाटर उपलब्ध कराता है, लेकिन फ्रूट कोला जैसी कोई चीज अभी तक अस्तित्व में नहीं है।