इस बार धान कटाई में देर, बढ़ेगा चावल निर्यात

भारत में मानसून की देरी के चलते धान कटाई की अवधि में भी काफी देरी हो गई है। इसके चलते भारत से 2015 में चावल निर्यात होने की उम्मीदें ज्यादा बढ़ गई हैं। भारत दुनिया में सबसे ज्यादा अनाज निर्यात का केंद्र है।

वैश्विक बाजार में स्थिर रहेंगी कीमतें


धान की ज्यादा पैदावार और देर से कटाई के चलते भारत से वैश्विक बाजार में निर्यात बढ़ेगा। इसके चलते वैश्विक स्तर पर कीमतें स्थिर रह सकती हैं। हालांकि, पिछले तीन महीनों में वैश्विक बाजार में करीब 12 फीसदी कीमतों में उछाल आया है। पिछले कुछ सालों से जबरदस्त पैदावार के चलते भारतीय अनाज के स्टॉक में भी बढ़ोत्तरी हुई है। निर्यात ज्यादा होने से स्टॉक में भी कमी आएगी।

पत्ताभी एग्रो फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर बीवी कृष्णा राव ने कहा कि जून में बहुत कम बारिश हुई है। बारिश में तेजी मध्य जुलाई से शुरू हुई। अब धान की फसल पूरी तरह तैयार है।


ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के एग्जीक्युटिव डायरेक्टर राजन सुंदर्शन ने कहा कि इस बार पिछले साल के मुकाबले कुल चावल उत्पादन में जबरदस्त बढ़ोत्तरी होगी हालांकि उत्पादन कितना होगा यह कहना अभी थोड़ी जल्दबाजी होगी।


भारतीय किसान जून और जुलाई बरसात के महीने में बड़े पैमाने पर चावल बुआई होती है। इसकी कटाई अक्टूबर महीने में की जाती है। 2013/14 में 10.654 करोड़ टन चावल उत्पादन हुआ था। इसमें 9.169 करोड़ टन चावल गर्मी में पैदा हुआ।
वहीं, भारत और चीन के बाच चावल निर्यात को लेकर भी करार हो सकते हैँ। एक ट्रेडर के मुताबिक इस बार भारत 10 लाख किलो गैर बासमती चावल चीन को निर्यात कर सकता है।

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