उन्होंने अवैध खनन और बालू से लदे ओवरलोड वाहनों को तुरंत बंद करने को कहा. सीएम ने कहा कि अवैध परिवहन और ओवरलोडिंग की रोकथाम के लिए अस्थायी चेक पोस्ट लगा कर कार्रवाई की जाये. प्रत्येक जिले में की गयी कार्रवाई से संबंधित साप्ताहिक प्रतिवेदन प्रत्येक सोमवार को पुलिस मुख्यालय और खान एवं भूतत्व विभाग को मुहैया कराएं. प्रत्येक जिले में अवैध खनन और ओवरलोडिंग को रोकने के लिए गठित टास्क फोर्स को अपनी कार्रवाई का ब्योरा एक फॉरमेट में भर कर भेजना होगा. आइजी (अपराध अनुसंधान) इसकी नियमित मॉनीटरिंग करेंगे. इसकी साप्ताहिक समीक्षा मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करेंगे.
इन जिलों में सबसे ज्यादा अवैध खनन
गया, बांका, लखीसराय, जमुई, नवादा, रोहतास, शेखपुरा, कैमूर, औरंगाबाद, भोजपुर व पटना में अवैध खनन के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं. इन जिलों में ओवरलोडिंग की भी काफी समस्या है. सीएम ने कहा कि ओवरलोडिंग के कारण राज्य की सड़कें जजर्र हो गयी हैं. गया जिले में सोनवा से वंशीबिगहा सड़क, वाल्मीकि नगर-बेतिया सड़क और बगहा में सड़कों की स्थिति ज्यादा खराब हो गयी है. प्रधान सचिव शिशिर कुमार सिन्हा ने बताया कि विशेष अभियान के तहत करीब तीन करोड़ रुपये बतौर जुर्माना वसूल किये जा चुके हैं. अवैध रूप से चल रहे कई क्रशरों व अवैध खनन कर रहे कई स्थानों पर छापेमारी कर उन्हें बंद करवाया जा चुका है.
ठेकेदार देश के बारे में भी सोचें
पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ठेकेदारों से कहा कि वे लाभ कमायें, मगर समाज व देश के बारे में भी सोचें. परियोजनाओं को समय पर पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराएं. राज्य में काम की कमी नहीं है. सौ करोड़ का काम यदि ठीक समय पर गुणवत्ता के साथ पूरा कर देते हैं, तो अगले साल बजट की राशि को बढ़ा कर डेढ़ सौ करोड़ के काम को पूर्ण करने की योजना बनायी जाती है. पुलिस भवन निर्माण निगम द्वारा निर्मित 197 थाना भवनों का उद्घाटन व 55 का शिलान्यास करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समय पर गुणवत्ता के साथ काम पूर्ण नहीं होने के चलते अगले वर्ष संबंधित विभाग के बजट एलोकेशन को कम करना विवशता हो जाती है. उन्होंने ठेकेदारों से कहा, काम ठीक से करें और जनआवश्यकताओं को पूरा करें. 197 पुलिस भवनों के निर्माण पर 171.14 करोड़ की लागत आयी है, जबकि 55 पुलिस भवनों के निर्माण 37़39 करोड़ खर्च होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा, विश्वकर्मा पूजा के मौके पर इतनी बड़ी संख्या में पुलिस भवनों का उद्घाटन करते हुए बेहद खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि 2007 से पहले राज्य के बोर्ड, निगम व निकायों की तसवीर निराशाजनक थी. इनमें कोई रहना नहीं चाहता था. तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बोर्ड, निगम व निकायों की स्थिति में सुधार का प्रयासकिया, जिससे इनके कार्यकलापों में बदलाव आया. बिहार राज्य पुलिस भवन निर्माण निगम व बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने लोगों को यह सोचने पर बाध्य कर दिया है कि यदि मनोयोग से काम किया जाये, तो तरक्की अवश्य होगी. समारोह को गृह सचिव आमिर सुबहानी व डीजीपी पीके ठाकुर ने भी संबोधित किया. मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, एडीजी एके उपाध्याय, एसके भारद्वाज, पीएन राय उपस्थित थे. बिहार राज्य पुलिस भवन निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक सुनील कुमार ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न् भेंट किया.