सूत्रों के अनुसार स्कूल के परिसर को ठीक कराने के लिए कक्षा एक से सातवीं तक के छात्रों को 2,500 रुपए जमा कराने के लिए और आठवीं से नौंवी कक्षा के छात्रों को 5,000 रुपए जमा कराने के लिए रसीद दी गई थी। हालांकि, सभी छात्र इतना डोनेशन जमा नहीं कर सके। ऐसे में अलग-अलग कक्षाओं के बच्चों को स्कूल के टीचर अलग-अलग समूह में माउंट मैरी फेयर में ले गए और वहां उनसे कहा गया कि वे लोगों से पैसे मांगे।
अभिभावकों को हुआ शक
स्कूल ने यह काम रविवार से बुधवार के बीच किया। अभिभावकों को उस वक्त शक हुआ जब उन्होंने देखा कि उनके बच्चे स्कूल से देर से वापस लौट रहे हैं। अभिभावकों द्वारा पूछताछ करने पर मामले का पता चला। इससे नाराज सैकड़ों अभिभावकों ने स्कूल के गेट नंबर 6 के सामने खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया। अभिभावकों का कहना था कि जब स्कूल की ओर से बच्चों से भीख मंगवानी है, तो हम फीस क्यों चुका रहे हैं।
प्रिंसिपल ने दी सफाई
स्कूल की प्रिंसिपल सुषमा मेस्था ने कहा कि छात्रों को जबरन मेले में नहीं ले जाया गया था। हमने अपने छात्रों को रसीद दी थी और उनसे कहा था कि वे स्कूल में निर्माण कार्य के लिए अपनी क्षमता के अनुसार चंदा जमा करें। छात्रों को मेले में स्कूली के क्रिश्िचयन टीचर्स द्वारा ले जाया गया था। मैंने शिक्षकों से पूछा है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया है। जवाब मिलने के बाद शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।