मिड डे मील में भी घोला ऊंच नीच का जहर

हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में मासूम बच्चों में जातिवाद का जहर घोला जा रहा है। मंडी जिले के एक सरकारी स्कूल में दलित बच्चों को अलग पंक्ति में शौचालय के पास बिठाकर खाना खिलाया जा रहा था।

बुधवार को जांच टीम के पहुंचने के बाद दलित बच्चों को स्कूल परिसर में खाना खिलाया गया लेकिन सामान्य वर्ग के बच्चों ने खाना खाने से इनकार कर दिया।

हिमाचल किसान सभा के सदस्यों ने 28 अगस्त को उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक को मामले को लेकर शिकायत की थी कि कटौला क्षेत्र के एक माध्यमिक स्कूल में दोपहर के भोजन के दौरान जातिगत आधार पर बिठाया जाता है।

पाठशाला में दलित बच्चों को अलग पंक्ति में बिठाकर खाना खिलाया जाता है। और तो और सामान्य जाति के बच्चों को खाना खिलाने के बाद दलित बच्चों को खाना परोसा जाता है। इस स्कूल में कुल 35 छात्र हैं जिनमें अधिकांश दलित हैं।

बुधवार को विभागीय जांच दल ने स्कूल में जाकर छानबीन की। जांच दल के सदस्यों ने स्कूल में जाकर बच्चों, अध्यापकों, वर्कर, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष व सदस्यों सहित हिमाचल किसान सभा के सदस्यों के बयान दर्ज किए।

शिकायतकर्ता ज्ञान चंद, पवन कुमार, तिलक राज, लेखराज, दुर्गी देवी, पवन कुमार, जुलेखा देवी, सीता देवी, सुंदर सिंह और हिमाचल किसान सभा के जिला कमेटी सदस्य भूपेंद्र सिंह व रविकांत ने जांच दल को बताया कि बुधवार को भी दलित बच्चों को अलग बिठा कर खाना खिलाया गया था।

इसके विरोध में सामान्य वर्ग से जुडे़ 12 बच्चों ने मिड डे मील ही नहीं खाया। जांच दल का नेतृत्व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल कटिंढी ने किया।

वहीं स्कूल के प्रवक्ता देशबंधू व नीलम भी जांच दल में मौजूद रहे। भूपेंद्र ने बताया कि सभा इस मुद्देे पर अगली कार्रवाई तय करने के लिए 27 सितंबर को नेरी में आम सभा करेगी और निर्णय लेगी।

प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक आरके विद्यार्थी ने मामले की शिकायत मिलने पर जांच आदेश जारी कर दिए हैं। जांच दल सभी प्रकार की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद रिपोर्ट सौंपेंगे।
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