किसान ने हल में बदलाव कर बनाया खेती का नया तरीका

दिलीप साहू, रायपुर। प्रदेश के मुंगेली निवासी किसान श्रीकांत गोवर्धन ने बैलचलित सामान्य हल को अपनी सूझबूझ से ऐसा रूपांतरित किया है कि यह धान की कतार बोनी व बियासी में उपयोगी साबित हो रही है। इससे कतार बोनी के धान का बियासी के दौरान कम नुकसान हो रहा है। उनके इस प्रयोग से कम उर्वरक के साथ ही धान को कीड़ों से बचाव में भी सहायक है।

इस प्रयोग को मुंगेली सहित आस-पास के अनेक किसान अपना रहे हैं। किसान श्रीकांत गोवर्धन की इस तकनीक को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर ने इनोवेटिव यंत्र के रूप में चिन्हांकित किया है। उन्हें प्रदेश के अन्य इनोवेटिव किसानों के साथ कृषक फेलोशिप से नवाजा जाएगा।

किसान श्री गोवर्धन ने नईदुनिया को बताया कि सामान्य बोनी (छिटकवां पद्धति) के बाद बियासी से धान के करीब 40 फीसदी पौधा खत्म हो जाता है। ऐसे में 40 फीसदी बीज व्यर्थ चला जाता है। वहीं कतार बोनी में खेत में हर कतार के बाद नौ इंच का गेप रखा जाता है। अब तक कतार बोनी में बियासी नहीं किया जाता था, क्योंकि इसमें बैलों के पैर व हल से धान के काफी पौधों को नुकसान पहुंचता था।

वहीं बियासी नहीं होने की वजह से उत्पादन प्रभावित हो रही थी। श्री गोवर्धन ने बताया कि कतार बोनी में बियासी के लिए उन्होंने परंपरागत हल व बैल जुते जाने वाले जुवारी में परिवर्तन किया। इससे कतार के बाद छोड़े गए नौ इंच के गेप में ही बैल चलते हैं और कतार बोनी के धान का बियासी भी आसानी से हो जाता है।

उन्नत खेती से लाभ

श्रीकांत गोवर्धन एक पढ़ा लिखा किसान है। उन्होंने अपनी कानून की पढ़ाई खत्म होने के बाद पिताजी के साथ खेती में रुचि लेने लगे। इनके संयुक्त परिवार का 30 हेक्टेयर खेत था। पर्याप्त वर्षा होने पर इनमें से 10 हेक्टेयर में ही रोपाई हो पाती थी, लेकिन पानी की कमी हमेशा से एक बाधा रही। खेती में बाकी भूमि वर्षा आधारित थी, जिसमें में बुवाई के लिए छिटकवां विधि व बियासी की जाती थी।

श्री गोवर्धन ने बताया कि उन्होंने कतार बोनी को लेकर डीडीए बिलासपुर का लेख पढ़ा और धान की कतार बोनी पहले दो हेक्टेयर में शुरू की। उन्नत कृषि तकनीक अपनाकर खेती की। इससे पहले की तुलना में अधिक उत्पादन मिला। श्री गोवर्धन का कहना है कि आमतौर पर धान की खेती ज्यादा लाभदायक नहीं है। वहीं इसमें उन्नत तकनीक का इस्तेमाल कर इसमें भी लाभ कमाया जा सकता है।

धान की कतार बोनी के फायदे

– धान की कतार बोनी से बीज दर कम।

– उर्वरकों की जरूरत कम।

– जल्दी परिपक्वता, अगली फसल की तैयारी आसान।

– सूखा की अवस्था में भी कारगर।

– धान की कतार बोनी के साथ बियासी से अतिरिक्त लाभ।

– देशी हल के रूपांतरण कर बनाए गए जुवारी से बियासी में में कम नुकसान होता है।

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