शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014 को संयुक्त राष्ट्र बच्चों के अस्तित्व को बचाने के वायदे के तौर पर मना रहा है। यूनिसेफ की यह रिपोर्ट इस श्रेणी में दूसरी कड़ी है। इसके मुताबिक, नवजात बच्चों की बीमारियों का पता चलने से पहले या बाद में उनका इलाज कर उन्हें बचाया जा सकता है और यह इलाज महंगा भी नहीं है।
गर्भावस्था के दौरान महिला की देखभाल जरूरी
यूनिसेफ की उप कार्यकारी निदेशक गीता राव गुप्ता के मुताबिक, अगर गर्भावस्था में महिला के स्वास्थ्य की बेहतर तरीके से देखभाल की जाती है तो बच्चे के बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि प्रसव के दौरान महिला की हालत बिगड़ने से पहले ही विशेष प्रयास किए जाने चाहिए।
पहले से सुधार
1990 के बाद से पांच साल से कम उम्र में मरने वाले बच्चों की संख्या में काफी कमी आई है। यह संख्या हर साल 1 करोड़ 27 लाख से घटकर 63 लाख रह गई है लेकिन इस दिशा में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, नवजात बच्चे के लिए जन्म के बाद के पहले 28 दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। हर साल 28 लाख बच्चे इस अवधि के दौरान अपनी जान गंवा देते हैं।