शिकायत के अनुसार पहले सास-ससुर इकट्ठे रहते थे। तब घर में शौचालय था। अब वे अलग हो गए हैं और जो घर उसके पति के हिस्से में आया है उसमें शौचालय नहीं है। उसे ससुर के घर के शौचालय में जाना मंजूर नहीं है और गांव के बाहर भी खुले में शौच करने नहीं जाएगी।
महिला सेल ने इसे घरेलू हिंसा समझकर जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी के पास भेज दिया। एडीसी कार्यालय के अनुसार जिले में 1.21 लाख मकान ग्र्रामीण क्षेत्र में हैं। इसमें से 1.16 लाख मकानों में शौचालय बनवा दिए गए हैं। जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता का कहना है कि इस महिला की मांग जायज है।