मप्र के स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, बालश्रम-बंधुआ मजदूरी के भी शिकायतें मिली हैं : आयोग (?

भोपाल। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने मप्र के स्कूलों की स्थिति पर नाराजगी जताई है। साथ ही उन्होंने मप्र में आयोग के अध्यक्ष पद के खाली होने पर भी सवाल खड़े किए। वे शुक्रवार को प्रशासन अकादमी में प्रेस को संबोधित कर रहे थे।

बालाकृष्ण ने मप्र मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद के खाली होने पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि, मप्र मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर सुप्रीम कोर्ट के जज या हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति होनी चाहिए, लेकिन 14 अगस्त 2010 से यह पद रिक्त है। इसी तरह न्यायिक सदस्य का पद भी 31 जुलाई 2014 से खाली हो गया है। कामकाज चलाने के लिए सरकार ने हाल ही में पूर्व डीजीपी वीरेंद्र मोहन कंवर को अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के लिए प्राधिकृत किया है। इसे लेकर ही आयोग के पूर्व अध्यक्षों ने सवाल भी खड़े किए।

बालाकृष्णन ने बताया कि उनके पास यह मामला आया है, जिसके बारे में उन्होंने राज्य सरकार से बात की है। इस समय देशभर में 23 राज्यों में मानवाधिकार आयोगों का गठन हो गया है। शेष में भी जल्दी होगा। मप्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों पर उन्होंने कहा कि यह देशव्यापी समस्या है।

हालांकि मप्र में स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव, बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी और महिला अत्याचार के मामले भी देखने में आए हैं। राज्य सरकार के मुख्य सचिव व डीजीपी ने भरोसा दिलाया है कि इसे दूर करेंगे। आयोग की अनुशंसाओं पर राज्य सरकार के लापरवाही पूर्ण रवैये पर उन्होंने कहा कि यदि अफसर नहीं सुनते तो सम्मन से तलब किया जाए और जरूरत पड़े तो अनुशंसाओं को लागू कराने के लिए आयोग को हाईकोर्ट भी जाना चाहिए। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक सिविल कोर्ट इसलिए उसकी ज्यादातर अनुशंसाएं मानी जाती हैं।

रतनगढ़ हादसे के जिम्मेदार अफसरों की रिपोर्ट मांगी
बालाकृष्णन ने बताया कि रतनगढ़ हादसे के मृतकों को राज्य सरकार की ओर से राहत राशि पांच लाख रुपए दे दिए जाने की बात की गई है। जहां तक दोषी अफसरों पर कार्रवाई संबंधी बात है तो इस मामले की पूरी जानकारी राज्य सरकार से मांगी गई है। इसके बाद ही आयोग किसी निर्णय पर पहुंचेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *