स्‍कूलों में हाथ धुलाई से वर्ल्ड रिकार्ड बनाने की तैयारी

जबलपुर। स्कूलों में पीएम संवाद के आयोजन के बाद विद्यार्थियों को शारीरिक स्वच्छता की सीख दी जाएगी। इसके लिए प्रदेश की सभी चयनित स्कूलों में हाथ धुलाई कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। हाथ धुलाई कार्यक्रम को वृहद स्तर पर आयोजित करने का मकसद ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड’ में स्थान दिलाना भी है।

प्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने हाथ धुलाई कार्यक्रम के संबंध में जो निर्देश जारी किए हैं, उसके तहत चयनित स्कूलों में हाथ धुलाई के लिए न सिर्फ प्लेटफार्म बनाने कहा गया है, बल्कि साबुन, पेपर नेपकीन की व्यवस्था सुनिश्चित करने सहित कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।

कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत को 20 अगस्त को जारी पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में स्वच्छता को बढ़ावा देने के मकसद से 25 सितंबर से 19 नवंबर तक ‘स्वच्छ मध्यप्रदेश अभियान’ का सफल आयोजन किया जाएगा। जबकि 15 अक्टूबर को ‘विश्व हाथ धुलाई दिवस’ मनाया जाएगा। इस दिन 100 से अधिक छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या वाले प्राइमरीव मिडिल स्कूलों में एक साथ हाथ धुलाई कार्यक्रम होगा। पत्र में ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड’ में स्थान दिलाने के लिए समुचित प्रयास करने और आयोजन से पूर्व व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने कहा गया है।

शहरी स्कूल शामिल नहीं

जिला पंचायत द्वारा हाथ धुलाई कार्यक्रम के लिए जो सूची तैयार की गई है, उसमें शहरी स्कूलों यानी जबलपुर शहर ब्लॉक को शामिल नहीं किया गया है।

इनमें खर्च होगी राशि

– सभी स्कूलों में हाथ धुलाई प्लेटफार्म का निर्माण

– कार्यक्रम की वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी करने प्रति स्कूल 1हजार रुपए का व्यय

– बाउंड्रीवॉल विहीन स्कूलों में 100 रुपए प्रति स्कूल के मान से व्यय

– प्रति 50 बच्चों पर 5 साबुन खरीदी जाएंगी

– स्कूल में दर्ज विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर पेपर नेपकीन खरीदी

– बाल्टी, मग आदि की खरीदी पर व्यय

– पंच परमेश्वर योजना की 10 फीसद राशि से सफाईकर्मी की नियुक्ति में व्यय

कहां कितने स्कूल व बच्चे होंगे शामिल

ब्लॉक – स्कूल – विद्यार्थी

जबलपुर ग्रामीण – 66 – 9635

पनागर – 53 – 10086

मझौली – 73 – 11749

पाटन – 27 – 4277

शहपुरा – 49 – 7831

कुंडम – 43 – 6740

सिहोरा – 66 – 10000

हाथ धुलाई कार्यक्रम के लिए जिला पंचायत से निर्देश प्राप्त हुए हैं। कार्यक्रम को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल कराने हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

-मोहनलाल पाठक, डीपीसी, जबलपुर

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