नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 100 स्मार्ट सिटी बनाने की महत्वाकांक्षी योजना का नया प्लान जल्द ही आएगा। यह जानकारी बुधवार को शहरी विकास मंत्रालय के सचिव शंकर अग्रवाल ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स को दी। अग्रवाल ने बताया कि स्मार्ट सिटी में भागीदारी करने वाले डेवलपर्स को सरकार प्रोत्साहन और टैक्स रियायतें देगी। रियल एस्टेट सेक्टर के जानकारों का कहना है कि टैक्स रियायत और प्रोत्साहन मिलने से प्रोजेक्ट कॉस्ट कम हो जाएगी और इसका सीधा फायदा खरीददारों को मिलेगा। डेवलपर्स स्मार्ट सिटी में खरीददारों को बाजार से कम कीमत में घर उपलब्ध करा पाएंगे।
शहरी विकास मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी के लिए नई नीति के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शहरी विकास मंत्रालय के सचिव ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए नई प्रस्तावित नीति पर काम चल रहा है और इसका अनावरण सभी हित-धारकों के साथ जल्द किया जाएगा। स्मार्ट शहरों को बनाने के लिए प्राइवेट डेवलपर्स को प्रोत्साहन और टैक्स रियायतें दी जाएगी। स्मार्ट शहरों के विकास के लिए 90 फीसदी निवेश प्राइवेट सेक्टर से जुटाया जाएगा। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए लालफीताशाही को खत्म किया जाएगा और रियल एस्टेट के नियम में बड़े परिर्वतन किए जाएंगे।
अग्रवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरी विकास मंत्रालय को रियल एस्टेट की पुरानी प्रोटोटाइप नियमों को हटाने और नई नीति बनाने की पहल करने के लिए कह चुके हैं। प्रधानमंत्री का मानना है कि इससे 100 स्मार्ट सिटी का निर्माण व्यावहारिक रूप से संभव हो पाएगा। स्मार्ट सिटी के प्रमुख घटक स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर होता है और इसमें सड़क, फुटपाथ, सार्वजनिक शौचालय, पानी, सीवर, बिजली, सिग्नल सिस्टम, गैस आपूर्ति सिस्टम, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रणाली, सुरक्षा और सुरक्षा से जुड़ी उपकरण होने चाहिए।