कागजों में खदानें बंद पर रात को माफिया निकालता है रेत

बठिंडा. लोकसभा चुनाव के बाद बठिंडा, फाजिल्का और फिरोजपुर जिले में बड़े स्तर पर रेत की अवैध माइनिंग फिर शुरू हो गई है। रेत की जिन खदानों को माइनिंग अफसर कागजों में बंद दिखा रहे हैं, वे अवैध तौर पर चल रही हैं। और जो खदानें चलती दिखाई गई हैं, उनकी पर्चियों पर अवैध खदानों से रेत निकालकर लाई जा रही है।

यह खुलासा मंगलवार को पकड़े गए रेत से भरे चार ट्रकों के ड्राइवरों ने किया। चारों ट्रक जलालाबाद से आ रहे थे। मलोट हाईटेक पोस्ट पर नाका बठिंडा जीएम इंडस्ट्रीज कम माइनिंग अफसर जरनैल सिंह ने लगाया था। ड्राइवरों ने जो पर्ची दिखाई वह जलालाबाद के अमीरखास रेत खदान की थी मगर ड्राइवरों ने बताया, रेत मिड्डे गांव से भरी है। ट्रकों को थाना बल्लूआना में रखा गया है।

पर्ची पर सारा खेल, बठिंडा से सिरसा तक सप्लाई

माइनिंग विभाग के रिकॉर्ड में बठिंडा में 6 रेत खदानें माइसरखाना, जलाल, भाईरूपा, दयालपुरा, भगता आदी में हैं। मगर ये मई 2012 में बंद हैं। अब रेत माफिया ने इन्हें फिर शुरू कर दिया। रात में रेत निकाली जाती है। इस रेत को बठिंडा से सिरसा तक सप्लाई किया जाता है। क्वालिटी घटिया होने से इसका रेट मार्केट से 40 रुपए क्विंटल कम रखा है। सबसे ज्यादा खदानें माइसरखाना और तितसर गांव में हैं। यहां रोज 50 से 60 टिप्पर और ट्रालियां रेत की निकाली जाती हैं, जिससे यहां 30 से 35 फुट गहरी माइन बन गई हैं। हालात यह है कि अब मौड़ थाना पुलिस ने माइसरखाना और तितसर में इस अवैध माइनिंग को रोकने के लिए पक्का नाका लगाना शुरू कर दिया है।

कागजों में दो खदानें चल रही हैं, इन्हीं की पर्ची पर अवैध माइनिंग

फाजिल्का और फिरोजपुर जिला दरिया का सरहदी इलाका होने से सबसे ज्यादा रेत यहीं से निकलती है। अभी फाजिल्का के 9 खदानों में से सिर्फ 1 अमीरखास ही चल रही है, जबकि रुकना कासम, कां वाली, मियानी बस्ती आदी की माइंस बंद हैं। फिरोजपुर में भी एक दर्जन खदानों में से 1 ममदोट उताड़ माइन ही चल रही है, जबकि जीरा, अक्कू मस्तके, सदूशाह आदी बंद हैं। असल में फाजिल्का और जीरा इलाके में छोटी-छोटी दर्जन से ज्यादा खदानें हैं, यहां से रेत निकाल उसे मंजूरशुदा खदानों की पर्ची की आड़ में बेचा जा रहा है। जो 4 ट्रक पकड़े वह भी अमीरखास की माइनिंग पर्ची पर लाए गए हैं।

गड़बड़ तो है : जीएम

पकड़े गए चारों ट्रक ड्राइवरों से मिली पर्ची जलालाबाद के अमीरखास माइन की है, मगर ड्राइवर किसी और जगह का नाम ले रहे हैं। इससे पता चलता है कि इसमें गड़बड़ है। जांच शुरू कर दी है।

-जरनैल सिंह, जीएम माइनिंग, बठिंडा

जलालाबाद में कोई अवैध माइनिंग नहीं होती, वहां एक मंजूरशुदा माइन है और वहीं से रेत आ रही है। अवैध माइनिंग तो बठिंडा में होती है। तितसर में जाकर देखिए रेत के खड्डे लगे हुए हैं। —

– गुरजंट सिंह, जीएम माइनिंग, मुक्तसर/जलालाबाद

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