साथ ही उन्हें बाजार मूल्य से चार गुना अधिक कीमतें मुआवजे के तौर पर दी जायेंगी. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की अध्यक्षता में गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में राजस्व विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक के बाद विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि बहुफसली व कृषि भूमि का यथासाध्य अधिग्रहण नहीं किया जायेगा.
भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों के अतिरिक्त उक्त भूमि से जुड़े मजदूरों, कामगारों आदि को भी पुनर्वास व पुनस्र्थापन का लाभ दिया जायेगा. बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, वन एवं पर्यावरण मंत्री पीके शाही, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त एसके नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, वित्त विभाग के प्रधान सचिव रामेश्वर सिंह, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव धर्मेद्र सिंह गंगवार, अपर महाधिवक्ता ललित किशोर, विधि विभाग के सचिव विनोद कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव संजय कुमार सिंह, निदेशक भू-अजर्न शशि तिवारी सहित संबंधित विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे.