नेपाल की नदियों से पानी छोड़े जाने के कारण आई बाढ़ से यूपी में हाहाकार मच गया है। पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ से 13 और लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में श्रावस्ती में 8, बलरामपुर में 2, बाराबंकी में 2,लखीमपुर खीरी में एक लोग शामिल हैं। प्रदेश में बाढ़ से अब तक 41 लोगों की मौत हो गई है और लाखों लोग बेघर हो गए हैं। बाढ़ का प्रभाव यूपी के 8 जिलों में सबसे ज्यादा है। एनडीआरएफ, पीएसी, एसएसबी, पुलिस, राजस्वकर्मी तथा समाजसेवी संगठनों की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य के लिए जुटी हुई है।
लाखों लोग बेघर : बहराइच के मुख्य राजस्व अधिकारी यूएस उपाध्याय ने बताया कि जिले में करीब साढ़े तीन लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। इनमें से लगभग 30 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। श्रावस्ती के अपर जिलाधिकारी रजनीश चन्द्र ने बताया कि 117 गांवों में करीब 68 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित है। इनमें से करीब 25 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं, तुलसीपुर, बलरामपुर तथा उतरौला में करीब 200 गांव राप्ती नदी की चपेट में हैं।
रेल सेवा प्रभावित: पूर्वोत्तर रेलवे मंडल के प्रबंधक अनूप कुमार ने बताया कि बाढ़ से मैलानी-गोंडा रेल प्रखंड पर शारदा नदी का पानी आने के कारण रेल यातायात बंद कर दिया गया है। साथ ही लखनऊ-गोंडा रेल प्रखंड पर घाघरा नदी खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर बहने के कारण यहां ट्रेनों को धीमी गति से गुजारा जा रहा है।