बिहार में 13 जिलों के 11 लाख लोग बाढ़ की चपेट में, 582 गांव हुए जलमग्न

पटना. प्रदेश में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई है। कई और तटबंधों के टूटने से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। सरकार ने आखिर माना कि 13 जिले बाढ़ पीड़ित हैं। सोमवार को पांच और जिलों को बाढ़ग्रस्त घोषित किया गया। अब बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या 11 लाख पहुंच गई है। राज्य के 43 प्रखंडों के 582 गांवों में पानी फैल चुका है। सबसे खराब स्थिति नालंदा की है, जहां सात लाख लोग प्रभावित हैं।

प्रशासन का कहना है कि सोमवार को बाढ़ से 7 लोगों की मौत हो गई। आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव सुनील कुमार के अनुसार जिन पांच नए जिलों में बाढ़ का पानी फैला है, उसमें पटना, गोपालगंज, शेखपुरा, अररिया और पूर्वी चंपारण शामिल हैं।

3 करोड़ की संपत्ति नष्ट

बाढ़ से करीब तीन करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है। 1763 मकान ध्वस्त हुए हैं। पिछले 72 घंटे से हो रही बारिश के कारण गंगा, कोसी, घाघरा, कमला बलान, गंडक व बूढ़ी गंडक नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। कोसी वराह क्षेत्र में सुबह तेजी से बढ़ रही थी, लेकिन शाम होने के बाद उसका जलस्तर स्थिर हो गया। इसी तरह गंडक वाल्मीकिनगर में सुबह बढ़ने के बाद शाम में स्थिर हो गया। पर दोनों नदियों के जलस्तर में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि हो रही थी।

बागमती सीतामढ़ी और समस्तीपुर में तो बूढ़ी गंडक समस्तीपुर और खगिड़या में बढ़ रही थी। संयुक्त सचिव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाके से साढ़े सैंतीस हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 76 राहत शिविरों में 13,111 लोगों ने शरण ली है। एनडीआरएफ की 12 और एसडीआरएफ की छह कंपनियों की तैनाती की गई है। प्रभावित इलाकों में 326 क्विंटल चूड़ा और 34 क्विंटल गुड़ का वितरण कराया गया है।

बेलछी के 4 हजार लोग पीड़ित

पटना के बेलछी प्रखंड के अहिरावां, गोपालपुर, गनीचक और फतेहपुर गांव में पानी प्रवेश कर गया है। यहां चार हजार लोग पीड़ित हैं।

जिलाधिकारी ने तीन राहत शिविर लगाने का दिया आदेश। लोगों को भोजन, पॉिलथीन सीट उपलब्ध कराने का निर्देश।

मुजफ्फरपुर-गोपालगंज में टूटा बांध

गंडक के दबाव से गोपालगंज के हसनपुर डुमरिया में तटबंध टूट गया। इससे कई गांवों में बाढ़ आ गई है।

मुजफ्फरपुर के गायघाट में जमींदारी बांध टूटने से 50 गांवों में पानी घुस गया है। इसके अलावा जिले के औराई, कटरा, साहेबगंज प्रखंड में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर है।

गंगा में कम पानी होने से राहत, उफान पर होती तो मचती तबाही

गंगा में कम पानी होने के कारण उत्तर बिहार की नदियां तबाही नहीं मचा सकीं। गंगा इस समय खतरे के निशान से तीन से पांच मीटर तक नीचे है। इसके कारण उत्तर बिहार की नदियों का पानी उसमें सहजता से मिल रहा है। यही कारण है कि मुंगेर, भागलपुर, कहलगांव में नदी स्थिर है। हालांकि गंगा पटना के निकट लाल निशान के काफी निकट पहुंच गई है। कोसी-गंडक के गत वर्ष के रिकाॅर्ड तोड़ने के बाद भी गंगा के नीचे होने से राहत मिली। कोसी का गत वर्ष का रिकाॅर्ड 2.03 लाख क्यूसेक का था। कोसी में 15 अगस्त को वराह में 2.66 लाखव वीरपुर में 3.41 लाख क्यूसेक पानी था। शनिवार को वराह में 2.16 लाख और वीरपुर में 2.82 क्यूसेक पानी का बहाव हो रहा था। इसी तरह गंडक में वाल्मीकिनगर में 15 अगस्त को 4.12 लाख क्यूसेक पानी था, जबकि गत वर्ष यह मात्रा 3.83 लाख क्यूसेक थी।

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