न्यायिक नियुक्ति विधेयक राज्यसभा में भी हुआ पास

नई दिल्ली। न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम व्यवस्था की जगह अब न्यायिक नियुक्ति आयोग ले लेगा। इस विधेयक पर लोकसभा की मुहर लगने के बाद गुरुवार को इसे राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई। लोकसभा में मिले समर्थन के बाद राज्यसभा में इस बिल को पास कराने को लेकर सरकार को कोई संशय नहीं था। इस बिल पर बुधवार शाम ही राज्यसभा में चर्चा शुरू हुई थी।

जजों की नियुक्ति के प्रस्तावित आयोग में छह सदस्य होंगे। आयोग के अध्यक्ष भारत के मुख्य न्यायाधीश होंगे। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ न्यायाधीश, कानून मंत्री और दो प्रबुद्ध व्यक्ति सदस्य होंगे। दो प्रबुद्ध व्यक्तियों का चुनाव प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में नेता विपक्ष की तीन सदस्यीय समिति करेगी। अगर लोकसभा में नेता विपक्ष नहीं होगा तो सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता चयन समिति में शामिल होगा।

गौरतलब है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की कोलेजियम व्यवस्था 1993 से लागू है। कोलेजियम व्यवस्था बदलने की लंबे समय से चली आ रही कोशिशों को सर्वसम्मति बना कर अमली जामा पहनाने को मोदी सरकार की बड़ी सफलता माना जा रहा है।

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