100 स्कूल भवनहीन : पटना अंचल के 100 विद्यालय भवनहीन है, जो झुग्गी-झोपड़ी, मंदिर व मसजिद में चलाये जा रहे हैं. ऐसे में इन स्कूलों में बच्चों की बैठने की जगह नहीं है, तो खाना कैसे बनेगा.
पिछले वर्ष 22 नवंबर को सैदपुर के प्राथमिक विद्यालय में खाने में मरा चूहा मिला था. उस समय स्वयंसेवी संस्था एकता फाउंडेशन द्वारा पटना सदर के 220 स्कूलों को मिड डे मील दिया जाता था. घटना के बाद से एनजीओ द्वारा बने खाने पर रोक लगा दी गयी. तब से खाना बंद है.
इन अंचलों में नहीं बन रहा मिड डे मील
गोलघर अंचल के 20, महेंद्रू के 20, गर्दनीबाग के 20 व बांकीपुर समेत अन्य अंचलों मिला कर 100 स्कूलों में अब भी मिड डे मील नहीं बन रहा हैं. इन स्कूलों को दूसरे स्कूलों से टैग कराया गया है. बावजूद इसके स्कूलों द्वारा इसे शुरू नहीं कराया गया है. कन्या मध्य विद्यालय, अदालतगंज के प्रधानाध्यापक शशि भूषण प्रसाद सिंह बताते हैं कि दूसरे शिफ्ट में चल रहे बालक मध्य विद्यालय को गोलघर पार्क से टैग किया गया है. जगह की कमी होने से मिड डे मील बनाने में कई तरह की समस्याएं आ रही है. कम पैसे में रसोइया नहीं मिल रहा है.
बच्चों को पढ़ने की जगह नहीं, खाना कैसे बनेगा
विद्यालय में जगह नहीं होने से अब तक मध्याह्न् भोजन नहीं बन पा रहा है. जब बच्चों को पढ़ने के लिए जगह नहीं है,तो खाना कैसे बन पायेगा. बिना किचेन शेड के खाना बनाना संभव नहीं है.
विथिका देवनाथ, प्राथमिक विद्यालय झुग्गी-झोंपड़ी
जिन स्कूलों में जगह होगी शीघ्र ही किचेन शेड बनेगा
जिन स्कूलों में मिड डे मील बन रहा है, उन स्कूलों को दूसरे विद्यालय से टैग कर मिड डे मील की व्यवस्था की गयी है. हालांकि अभी कुछ स्कूलों में लागू नहीं हो पाया है. इसके लिए प्रधानाध्यापकों को पत्र भेजा गया है. किचेन शेड बनाने के लिए सर्वे किया जा रहा है. जिस स्कूल में जगह होगी, वहां जल्द ही किचेन शेड बनाया जायेगा.
मो जियाउर रहमान, जिला मिड डे मील पदाधिकारी