यूपी में नया अधिग्रहण कानून, ग्रामीण इलाकों की जमीन होगी चार गुना महंगी

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में प्रस्‍तावित विभिन्‍न इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर परियोजनाओं में देरी को देखते हुए राज्‍य सरकार ने नए भूमि अधिग्रहण कानून को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले से सबसे अधिक फायदा किसानों को होगा। नए संशोधन के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण के लिए जमीन मालिक को सर्किल रेट से 4 गुना राशि का भुगतान किया जाएगा।

वहीं शहरी क्षेत्रों में यह मुआवजा सर्किल रेट का दोगुना होगा। यूपी के बाद राजस्‍थान ने भी नया अधिग्रहण कानून लाने की तैयारी शुरू कर दी है। यहां जल्‍द ही कैबिनेट इस पर चर्चा करेगी।

प्रोजेक्‍ट की बढ़ेगी लागत

राज्‍य के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मुआवजा राशि बढ़ने से इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍टों की लागत बढ़ जाएगी। राज्‍य के ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर की बड़ी योजनाएं प्रस्‍तावित हैं। अब इनके लिए नई नीति के तहत अधिग्रहण राशि का भुगतान करना होगा। वहीं सरकार के इस कदम से शहरी क्षेत्रों में जमीन की कीमतें बढ़ जाएंगी। इसका असर सरकारी एवं निजी रियल एस्‍टेट कंपनियों के मौजूदा एवं भविष्‍य के प्रोजेक्‍ट पर पड़ेगा।

इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर योजनाओं में आएगी तेजी

राज्‍य में भूमि अधिग्रहण कानून में हो रही देरी के चलते कई इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर योजनाएं अटकी हुई हैं। वहीं सड़क एवं सिंचाई योजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया है। वहां किसानों और सामाजिक संगठनों की ओर से मुआवजे को लेकर सरकार को विरोध झेलना पड़ रहा है। कानूनी स्‍पष्‍टीकरण से इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर योजनाओं में तेजी आने की संभावना है।

केंद्र की नीति को किया लागू

राज्‍य के मुख्‍य सचिव आलोक रंजन ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सितंबर 2013 में लागू की गई नई भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास नीति के तहत कुछ फैसले यूपी सरकार को करने थे। इसी संबंध में कैबिनेट ने कानून में प्रावधान किया हैं।

राजस्‍थान में भी आएगा भूमि अधिग्रहण कानून

उत्‍तर प्रदेश के बाद अब राजस्‍थान भी नया भू-अधिग्रहण कानून लाने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत निजी कंपनियों के लिए शहर में 200 हैक्टेयर और ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की 1000 हैक्टेयर से ज्यादा जमीन अधिगृहीत नहीं की जा सकेगी।

राज्‍य के ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने बताया कि शहरी क्षेत्र से सटे गांवों में किसानों की जमीन अधिग्रहण की मुआवजा राशि भी 15 के गुणन में होगी, जो जमीन की डीएलसी की 2 से 4 गुणा दरें होंगी। अधिग्रहण के मामलों में पुनर्वास के लिए संभागवार पुनर्वास कमिश्नर होंगे। यह जिम्मा संभागीय आयुक्त के पास ही होगा।

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