कोसी उफान पर,बिहार में बाढ़ का खतरा

पटना : कोसी नदी में बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है. नेपाल के भोट कोसी में बारिश और भूस्खलन के कारण आये अवरोध से पानी का दबाव और बढ़ गया है. वहां पानी की मात्रा 28 लाख क्यूसेक तक पहुंच गयी है. हालांकि, इस अवरोध को नियंत्रित विस्फोट कर सीमित मात्रा में हटाने के कारण बिहार में कोसी नदी में बहाव नियंत्रित रहा.

रविवार को एक लाख 20 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया. इससे कोसी के जल स्तर में वृद्धि हुई, लेकिन पानी का बहाव बहुत तेज नहीं है. इसी बीच प्रशासन ने 49 हजार लोगों को तटबंध के अंदर से निकाल कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया है और सेना और एनडीआरएफ ने मोरचा संभाल लिया है.

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी का कहना है कि अगले 72 घंटे महत्वपूर्ण हैं. बाढ़ के खतरे के बावजूद तटबंध के अंदर के लोग अपना घर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने नौ जिलों में तटबंधों के बीच रहनेवाले लोगों से जबरन क्षेत्र खाली कराने का आदेश दिया है. आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि हमने आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधान लागू किये हैं, ताकि खतरेवाले इलाकों में रहनेवाले लोगों को जबरन खाली कराया जा सके. अब तक 49 हजार को बाहर निकाला गया है. उन्होंने कहा कि हमारे नवीनतम आकलन के अनुसार अगर नदी में बाढ़ आती है, तो 4.25 लाख लोग प्रभावित होंगे. हम उन सभी को हटाने का प्रयास कर रहे हैं.

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, वीरपुर बराज से करीब 50 किलोमीटर दूर बसुआ में कोसी का जल स्तर रविवार को दिन के एक बजे खतरे के निशान से एक सेमी ऊपर दर्ज किया गया. राज्य के जल संसाधन विभाग के मुताबिक, वीरपुर बराज से करीब 51 किलोमीटर ऊपर नेपाल के बाराह क्षेत्र में शनिवार रात 10 बजे कोसी में जलस्राव 94 हजार 775 क्यूसेक था, जो दिन के 12 बजे बढ़ कर एक लाख 26 हजार क्यूसेक था. लेकिन, दोपहर 2:30 बजे यह घट कर करीब एक लाख 22 हजार क्यूसेक हो गया और शाम छह बजे 01 लाख 16 हजार 500 क्यूसेक दर्ज किया गया. पूरे दिन कोसी में पानी का बहाव नियंत्रित रहा.

केंद्रीय जल आयोग के सूत्रों का कहना था कि रविवार शाम तक नेपाल के खैदी चौर में भूस्खलन से आये अवरोध से रुके पानी का इतना हिस्सा निकल गया था कि पानी का बहाव सामान्य हो जाये. आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार ने अब तक किसी खतरे से इनकार करते हुए कहा कि इसमें भारतीय विशेषज्ञ नेपाल की मदद कर रहा है.

* भागने का मौका नहीं मिलेगा

मुख्यमंत्री के साथ हवाई सर्वेक्षण कर लौटे आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि फिलहाल कोसी में पानी नहीं है. इससे लोग यह नहीं समझें कि पानी का खतरा नहीं है. जब व्यापक पैमाने पर और तीव्र गति से पानी का बहाव होगा, तो लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिलेगा. इसलिए लोग बाढ़ के खतरे को नजरअंदाज नहीं करराहत कैंपों में चले जाएं. कैंपों में सभी प्रकार की व्यवस्था है.

घर से बेहतर नहीं,तो घर से कम व्यवस्था भी नहीं है. उन्होंने कहा कि कम-से-कम बुजुर्ग, महिला, बच्चा और शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को कैंप तक पहुंचा दें. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि लगभग एक लाख 20 हजार क्यू सेक पानी का बहाव हुआ है. उन्होंने बताया कि सुपौल जिला को राहत और बचाव के लिए 28 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं. खाली हुए गांवों में लोगों की संपत्ति की रक्षा के लिए पुलिस को तैनात कर दिया गया है. पानी की स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि अगला 72 घंटे कोसी में बाढ़ मामले के लिए महत्वपूर्ण है. भारत सरकार के विशेषज्ञ दल दिल्ली पहुंच कर अगली कार्रवाई का निर्णय लेंगे.

– सुपौल के वीरपुर बैराज के पास कोसी का जलस्तर बढ़ा

* 49,000 लोगों को तटबंध के अंदर के गांवों से निकाला गया

* सवा चार लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने की तैयारी

* एक सौ जवान सेना के पहुंचे सुपौल और मधेपुरा

* 855 जवान एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के तैनात

– बिहार के नौ जिलों सुपौल, सहरसा मधेपुरा, खगडि़या अररिया, मधुबनी भागलपुर, पूर्णिया व दरभंगा में बाढ़ का खतरा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *