कृषि उत्‍पादन बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ने दिया ‘लैब टू लैंड’ का नारा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए अनुसंधान के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल का आह्वान किया। उन्होंने इसके लिए "लैब टू लैंड" का नारा दिया और कहा कि किसानों को उत्पादकता बढ़ाना होगी, जिससे उनकी आय बढ़ेगी साथ ही वे देश और दुनिया का पेट भरने के काबिल हो सकेंगे।

प्रधानमंत्री भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 86वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्‍होने प्राकृतिक संसाधनों के क्षरण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर चिंता जताते हुए "कम जमीन और कम समय" में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न की जबर्दस्त मांग है और यही हमारे लिए एक अवसर है। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि प्रयोगशाला में हो रहे अनुसंधान खेतों तक पहुंचें।

नीली क्रांति की जरूरत

प्रधानमंत्री ने हरित और श्वेत क्रांति की तरह नीली क्रांति लाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में मछलीपालन क्षेत्र की बहुत अच्छी संभावना है। उन्होंने वर्षा जल संरक्षण के जरिए पानी बचाने की जरूरत पर भी बल दिया।

पूरे देश का पेट भर सकते हैं

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमें दो बातें साबित करना होंगी। पहली बात तो यह कि हमारे किसान पूरे देश और दुनिया का पेट भरने लायक अनाज पैदा कर सकते हैं और दूसरा यह कि खेती हमारे किसानों की जेबें भरने में सक्षम है। यदि किसानों के लिए पर्याप्त आय का सृजन नहीं किया जा सका तो फिर कृषि क्षेत्र के लक्ष्यों को हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा।’ उन्होंने पानी के भरपूर उपयोग की आवश्यकता जताते हुए कहा " प्रति बूंद अधिक फसल (पर ड्रॉप मोर क्रॉप)" हमारा ध्येय होना चाहिए। खाद्य तेलों और दालों के भारी आयात पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की आयात निर्भरता कम करने के लिए वैज्ञानिक इन वस्तुओं की उत्पादकता बढ़ाने में मदद करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *