आरटीआई के तहत सूचना देने के लिए मांगे चार लाख रुपए

रायपुर (ब्यूरो)। राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अधिकारियों ने जानकारी छिपाने के लिए नया रास्ता निकाला है। सूचना के अधिकार के तहत अधिकारियों ने पहले तो जानकारी नहीं दी। सूचना नहीं देने पर जब प्रथम अपील की गई तो जानकारी देने के लिए चार लाख रुपए से ज्यादा की मांग की गई है। एक-एक जिलों की जानकारी के लिए एक लाख से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक की मांग की गई।

जबकि नियम यह कहता है कि आरटीआई में सूचना मांगने पर अगर 30 दिन के अंदर विभाग जानकारी नहीं देता है तो उसके बाद उसे निःशुल्क जानकारी देनी होती है। इसके बावजूद राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी करते हुए मनमाने तरीके से राशि जमा करने की मांग की।

सूचना के अधिकार में संजीव अग्रवाल ने राजीव गांधी शिक्षा मिशन के सर्व शिक्षा अभियान, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और एनईपीजीईएल के लिए आवंटित राशि और खर्च का ब्योरा मांगा था। इसमें टेंडर प्रक्रिया से लेकर ठेकेदार संस्थाओं के बारे में जानकारी मांगी गई थी। राजीव गांधी शिक्षा मिशन में पिछले तीन साल में केंद्र सरकार ने 6600 करोड़ रुपए का फंड भेजा है, जिसे स्कूलों के निर्माण से लेकर अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में खर्च करना था। बताया जा रहा है कि वर्ष 2013-14 के लिए राजीव गांधी शिक्षा मिशन में 1250 करोड़ रुपए का फंड स्वीकृत हुआ है।

नियम में है निःशुल्क सूचना देने का प्रावधान

जन सूचना अधिकारी को 30 दिन के अंदर सूचना उपलब्ध करानी है। अगर 30 दिन की निश्चित समयावधि में सूचना नहीं दी जाती है तो यह माना जाएगा कि सूचना देने से इंकार कर दिया गया। निश्चित समयावधि में अगर सूचना नहीं दी जाती है तो आवेदनकर्ता से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जा सकता है और सूचना निःशुल्क देनी होगी।

प्रथम अपील के बाद भेजने लगे पत्र

आरटीआई कार्यकर्ता संजीव अग्रवाल ने बताया कि राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अधिकारियों ने प्रथम अपील के बाद जिलों से जानकारी देने के लिए पत्र आने शुरू हुए। 13 मई को बस्तर के दस्तावेजों की जानकारी देने के लिए एक लाख 53 हजार रुपए जमा करने के लिए पत्र भेजा गया। छह जून को धमतरी की जानकारी देने की जगह सिर्फ अवलोकन करने के लिए पत्र भेजा गया।

इसमें अवलोकन के लिए प्रथम घंटे 50 रुपए, इसके बाद पांच रुपए प्रति 15 मिनट की मांग की गई। सात जून को महासमुंद जिले के तीन कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की जानकारी देने के लिए 34 हजार रुपए की मांग की गई। 12 जून को बैकुंठपुर जिले की जानकारी देने के लिए भी एक लाख 53 हजार रुपए जमा करने का पत्र भेजा गया। मुंगेली से 31 जून को पत्र आया, जिसमें लिखा था कि 28970 रुपए जमा करने पर जिले में संचालित तीन कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के खर्चों का ब्योरा देंगे।

फैक्ट फाइल

11 मार्च 2014 को राजीव गांधी शिक्षा मिशन से मांगी गई जानकारी

2 मई 2014 को जानकारी नहीं मिलने पर की गई प्रथम अपील

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