भारत की न्‍यायपालिकाएं भी भ्रष्‍टाचार से अछूती नहीं: अमेरिकी रिपोर्ट

वॉशिंगटन: अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में न्यायपालिका सहित हर स्तर पर भ्रष्टाचार है। ‘कंट्री रिपोट्र्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेस’ नामक यह रिपोर्ट विदेश मंत्री जॉन केरी ने जारी की।

इसमें कहा गया है कि भारत सरकार ने कानून को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया। इसलिए अधिकारी फायदा उठाते हुए भ्रष्टाचार करने लगते हैं। सीबीआई ने पिछले साल जनवरी से नवंबर के बीच 583 मामले दर्ज किए हैं। रिपोर्ट में सतर्कता आयोग द्वारा दर्ज मामलों के आंकड़े भी दिए गए हैं। भ्रष्टाचार रोकने के कदमों की भी जानकारी इस रिपोर्ट में है।

काम जल्द कराने के लिए दी जाती है घूस

रिपोर्ट के अनुसार गैरसरकारी संगठनों ने पाया कि आम तौर पर काम जल्दी कराने के लिए घूस दी जाती है। इनमें पुलिस सुरक्षा, स्कूल में दाखिला, पानी की आपूर्ति या सरकारी मदद जैसे काम प्रमुख थे।

गुजरात के लोकायुक्त मामले का जिक्र

रिपोर्ट में गुजरात के लोकायुक्त मामले का भी जिक्र है। कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्ति बरकरार रखे जाने के बावजूद जस्टिस आरए महेता ने गुजरात का लोकायुक्त बनने से मना कर दिया।

महेता ने कहा कि राज्य सरकार उनकी जांचों में मदद नहीं करेगा। राज्य सरकार ने लोकायुक्त की नियुक्ति में राज्यपाल और हाईकोर्ट की शक्तियां कम कर दीं। सरकार सभी अधिकार केवल मुख्यमंत्री के पास रखना चाहती थी।

मानवाधिकार उल्लंघन में आतंकी और नक्सली जिम्मेदार : रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकियों और मध्य भारत में नक्सली गुटों को मानवाधिकार उल्लंघन के लिए जिम्मेदार बताया गया है।

कहा गया है कि इन्होंने निर्वाचित नेताओं, सैन्यकर्मियों, पुलिस, सरकारी अधिकारी तथा नागरिकों की हत्याओं के साथ ही कई तरह के मानवाधिकार उल्लंघन किए। ये अपहरण, यातना, दुष्कर्म, फिरौती और बाल सैनिकों के मामलों में दोषी थे।

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