राजस्थान में मेडिकल में पीजी करने वालों में सरकारी डॉक्टरों के लिए सीटें आरक्षित होती है। ये डॉक्टर एमबीबीएस करने के बाद इस आरक्षण का फायदा लेने के लिए ही सरकारी सेवा में आ जाते है। इसके बाद पीजी करते हैं और फिर अच्छे पैकेज पर निजी अस्पतालों में चले जाते है।
इस तरह सरकार को काफी नुकसान उठाना पडता है। इन डॉक्टरों से सरकार अब तक पांच लाख रूपए का बॉण्ड लेती थी, लेकिन इसका बहुत ज्यादा असर नजर नहीं आ रहा था और पीजी करने के बाद डॉक्टरों का नौकरी छोड कर जाने का सिलसिला जारी था। यही कारण है कि अब सरकार ने ऐसे डॉक्टरों से दस गुना ज्यादा राशि वसूल करने का फैसला किया है।
इसके साथ ही अब सरकार एमबीबीएस के बाद सरकारी सेवा में आने वाले डॉक्टरों से भी बॉण्ड लेगी। इन्हें सरकारी सेवा में आने के बाद कम से कम दो साल तक सरकारी नौकरी करनी पडेगी। इससे पहले ये छोड कर जाते हैं तो एमबीबीएस डॉक्टरों से पांच लाख और पीजी डॉक्टरों से 15 लाख रूपए वसूल किए जाएंगे।