पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो। देश में किडनी की बीमारी से हर साल लगभग दो लाख लोगों की मौत होती है। बिहार में लगभग 10 हजार लोग इस बीमारी से पीडि़त हैं। इसका इलाज शहर के चुनिंदा अस्पतालों में ही उपलब्ध है। जर्मनी की कंपनी बी़ ब्रॉन पूरे बिहार में राज्य सरकार के साथ सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) के तहत मेडिकल काॠलेज अस्पतालों और जिला अस्पतालों में 24 डायलिसिस क्लीनिक बनाएगी और चलाएगी।
क्लीनिक राज्य भर में पहले विभिन्न मेडिकल काॠलेज अस्पतालों और जिला अस्पतालों में बनाई जाएगी। कंपनी ने इससे पहले आंध्रप्रदेश में 18 डायलिसिस केन्द्र वर्ष 2009 में शुरू किए थे। केंद्र खोलने के लिए बी ब्राॠन मेडिकल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एमडी आनंद आप्टे व कारोबार प्रबंधक विकास वर्मा ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से मुलाकात की। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार भी मौजूद थे। कंपनी के एमडी ने कहा कि एनएमसीएच, पटना में पहला डायलिसिस केंद्र 15 अगस्त 2014 के आसपास शुरू होगा।
इसका उद्घाटन सीएम करेंगे। जबकि, राज्यभर में विभिन्न चरणों में नवंबर 2014 तक केंद्र शुरू हो जाएंगे। स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार ने भी डायलिसिस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर मुख्यमंत्री के साथ प्रगति का मूल्यांकन किया।