मोदी, जेटली और निर्मला ने की डब्ल्यूटीओ करार पर चर्चा

भारत बृहस्पतिवार को जिनीवा में होने वाली बैठक में खाद्य सुरक्षा के मुद्दों का हल हुए बिना विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के बाली करार को आगे बढ़ाने के विकसित देशों के दबाव में नहीं आएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंगलवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया।

जिनीवा बैठक में भारत का रुख क्या होगा, इस पर चर्चा के लिए बुलाई गई इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली व वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हुईं। सूत्रों ने कहा कि भारत का रुख साफ है। वह सार्वजनिक खाद्य भंडारण के स्थायी समाधान के लिए एक ठोस रूपरेखा के बगैर व्यापार सुगमता करार (टीएफए) पर आगे नहीं बढ़ेगा। खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के लिए इस मुद्दे का समाधान अनिवार्य है।

डब्ल्यूटीओ के मुद्दे पर भारत के रुख के बारे में औपचारिक फैसला कल होने वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किया जाएगा। व्यापार सुगमता करार को स्वीकारने के लिए डब्ल्यूटीओ की 160 सदस्यीय आम परिषद की बृहस्पतिवार को जिनीवा में बैठक होने जा रही है। इस मुद्दे पर भारतीय रुख काफी महत्वपूर्ण है। भारत की अनुमति के बिना टीएफए को अपनाना काफी मुश्किल होगा। सूत्रों ने कहा कि विकसित देशों को भारत के सार्वजनिक भंडारण मुद्दे के स्थायी समाधान को ठोस रूपरेखा देनी होगा। इसके बगैर भारत टीएफए करार को स्वीकार नहीं करेगा।

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