इंदौर। प्रदेश सरकार हर बच्चे को स्कूल तक लाने के लिए अभियान चलाती है और करोड़ों रुपए का फंड खर्च करती है। मगर जिले के गिरोता गांव में खुला शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल शिक्षा के प्रति सरकार की गंभीरता की पोल खोल देता है। यहां हाल ही में हायर सेकंडरी स्कूल तो खोल दिया गया,लेकिन स्टाफ भेजना ही भूल गए। स्कूल एक उच्च श्रेणी शिक्षक के भरोसे चल रहा है। वे भी इसी माह के अंत में रिटायर होने वाले हैं। देपालपुर विकासखंड में ऐसे कई स्कूल हैं, जो एक ही शिक्षक चला रहे हैं।
गिरोता हायर सेकंडरी स्कूल में यूडीटी सुमेरसिंह मकवाना के रिटायर होने के बाद यहां तीन प्यून और एक लैब असिस्टेंट बचेगा। यह गांव गौतमपुरा रेलवे स्टेशन से लगभग 12 किलोमीटर दूर है। स्कूल के पास संकुल भी है। साथ ही जन शिक्षा केंद्र भी। इसके बावजूद इस पर सरकार का ध्यान नहीं।
अतिथि शिक्षक भी नहीं मिलते
गिरोता हायर सेकंडरी स्कूल की बदनसीबी यह है कि यहां तलाशने पर भी अतिथि शिक्षक नहीं मिलते। वजह है कि गांव में इतने पढ़े-लिखे भी नहीं कि उनमें अतिथि शिक्षक बनने की योग्यता हो। जिले की सीमा पर होने के कारण यहां उज्जैन जिले के छात्र भी पढ़ने आते हैं।
कैसे उत्कृष्ट बनेगा बहीरामपुर
शहर में तो शिक्षकों की भरमार है, लेकिन देपालपुर विकासखंड में कई स्कूल शिक्षकों को तरस रहे हैं। यहां तक कि कुछ स्कूल इकलौते शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। यदि ये शिक्षक किसी कारण से स्कूल न आए तो स्कूल बंद करने की नौबत आ जाती है। बहीरामपुर प्रायमरी स्कूल, धरावरा के बालक प्राथमिक विद्यालय के यही हाल हैं। बहीरामपुर प्रायमरी स्कूल के एकमात्र शिक्षक नारायण अंदाने बीएलओ की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। संभागायुक्त संजय दुबे ने इस स्कूल को उत्कृष्ट बनाने के अभियान में शामिल किया है। यदि स्टाफको लेकर ये हालात रहे तो बहीरामपुर उत्कृष्ट स्कूल कैसे बन पाएगा।
बदहाली की ये भी बानगी
– देपालपुर तहसील के सगड़ोद, बनेड़िया जैसे हाईस्कूलों में मिडिल स्कूल के टीचर पढ़ा रहे हैं।
– चंबल के मिडिल स्कूल में जनशिक्षक शेखर मनोरे की नियुक्ति हुई है, लेकिन वे इंदौर से नहीं जा रहे। बताया जाता है कि यहां पहले रह चुके टीचर लोकल थे।
– रूणजी, बनेड़िया, रोलाय में खोले गए हाईस्कूलों में भी स्टाफ नहीं है। इन स्कूलों में कम से कम आठ शिक्षक होने चाहिए, लेकिन कहीं एक, कहीं दो या तीन ही हैं।
फैक्ट फाइल
99 मिडिल स्कूल जिले में
23 हाई व हायर सेकंडरी स्कूल
40 हजार विद्यार्थी
1200 अनुमानित शिक्षक