ग्वालियर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 2 साल बाद भी प्रदेश में स्कूली शिक्षा और शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण के लिए आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल स्थापित नहीं किए जाने पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने शहर के सनातन धर्म मंडल शिक्षा समिति ग्वालियर द्वारा एक विधवा शिक्षिका को बिना किसी कारण के अचानक नौकरी से हटा दिए जाने का मुकदमा उस तक पहुंचने पर इस मामले में संज्ञान लिया है। जस्टिस एसके गंगेले और जस्टिस एसके पालो की युगलपीठ ने शहर के मोची ओली निवासी श्रीमती कृष्णा बंसल की रिट अपील पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद राज्य सरकार को तल्ख नोटिस जारी किया है।
क्या है मामला
याचिकाकर्ता कृष्णा बंसल जयेंद्रगंज स्थित सनातन धर्म कन्या हायर सेकंडरी में शिक्षिका थीं। यह राज्य सरकार द्वारा अनुदानित एक प्राइवेट स्कूल है, जिसका संचालन सनातन धर्म मंडल शिक्षा समिति ग्वालियर द्वारा किया जाता है। 53 वर्षीय श्रीमती बंसल विधवा हैं। 1991 वे लगातार इस स्कूल में पढ़ाती रही हैं।
हाईकोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार
सतानत धर्म मंडल स्कूल में नौकरी से निकाली गई विधवा शिक्षिका की अपील पर लिया संज्ञान
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