कम नहीं हुआ सूखे का खतरा:जुलाई में कम बारिश, देश के 60 फीसदी इलाके में सूखे का संकट बरकरार

नई दिल्ली. पिछले हफ्ते से भारत का कई हिस्सों में मॉनसून की बारिश ने जोर पकड़ा है। महंगाई दर के हाल ही में आए आंकडे भी साल 2012 के बाद के सालों में कम रहे है लेकिन, मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक ये सूखे की हालत में किसी बड़े बदलाव के बड़े संकेत नहीं हैं। हालांकि पिछले महीने जहां देश में 43 फीसदी कम बारिश हुई थी वहीं अब बारिश की स्थिति में कुछ सुधार आया है। 9 जुलाई तक बारिश की कमी का आंकडा 43 से घटकर 35 फीसदी तक आ चुका है। लेकिन देश के 60 फीसदी इलाके में अब भी सूखे के बादल गहरा गए हैं। वजह जुलाई महीने की कम बारिश से हुई शुरुआत। हालांकि पूरे मॉनसून सीजन में औसत की 90 फीसदी बारिश की उम्मीद जताई जा रही है।

देशभर में अब तक हुई बारिश-
-1 जून से अब तक देश में 205.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है जो सामान्य से 35 फीसदी कम है।

पश्चिम-उत्तर भारत में अब भी 60 फीसदी सूखे के आसार-
-एक निजी कंपनी स्काईमेट से जुडे मौसम वैज्ञानिक जीपी शर्मा कहते हैं मॉनसून में ओवरऑल कमी अभी भी चिंता का विषय है। विशेषकर पश्चिम उत्तर भारत में अभी भी 60 फीसदी सूखे के हालात बने हुए हैं।
-जीपी शर्मा के मुताबिक 1901 के बाद के सिर्फ चार वर्ष ही ऐसे रहे हैं जिनमें जून महीने में बारिश की कमी रही है, जो हमें इस बार भी दिखाई दे रही है। लेकिन इन चार में से दो साल में सामान्य बारिश दर्ज की गई।
-2009 में पड़े सूखे के दौरान भी जून महीने में बारिश की कमी 47.5 फीसदी थी। इससे पहले भी 1905,1920 में ऐसी स्थिति सामने आ चुकी है। जून महीने में बारिश की स्थिति इस साल से भी बदतर थी।
-इन सालों में जुलाई महीने में इसकी 96 फीसदी बारिश हुई थी। वहीं इसके बाद के अगस्त और सितंबर के महीने में 70-80 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई।
-मौसम का पूर्वानुमान बताने वाली निजी कंपनी स्काईमेट के वैज्ञानिक जीपी शर्मा का कहना है कि इस साल सूखा पड़ने की आशंका 60 फीसदी है।
-सूखे की स्थिति में सबसे बुरा प्रभाव मध्य भारत, उत्तर पश्चिम और दक्षिण भारत पर पड़ेगा। इन क्षेत्रों में मॉनसून सामान्य के मुकाबले 63, 50 और 36 फीसदी तक कम रह सकता है।

इन इलाकों में है सूखे का संकट –
-देश भर की बात करें तो भारत में इस बार करीब 60 फीसदी जगहों पर सूखा पड़ने की संभावना है। जबकि, कुल 90 फीसदी बारिश होने की उम्मीद है।
-गुजरात,पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, कच्छ जैसे उत्तर-पश्चिम भारत के इलाकों के 80 फीसदी क्षेत्रों में सूखा रहेगा।
-मध्य भारत के पूर्वी मध्य प्रदेश, पश्चिमी मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा,विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, उत्तर कर्नाटक, छत्तीसगढ़ व तेलंगाना के 75 फीसदी इलाकों में और दक्षिण भारत के केरल, तमिलनाडू, कर्नाटक, रायलसीमा आदि के 50 फीसदी क्षेत्रों में सूखा रहने की संभावना जताई जा रही है।

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