विक्षिप्त अब भी सड़कों पर, पुनर्वास योजना भी लटकी

रायपुर । राजधानी में अब भी विक्षिप्तों का जीवन सड़कों पर घिसट रहा है। कलेक्टर ने स्वयंसेवी संस्थाओं से चर्चा कर विक्षिप्तों को मेंटल हॉस्पिटल बिलासपुर भेजने की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी थी, लेकिन अभी तक किसी भी स्वयंसेवी संस्था को यह जिम्मेदारी नहीं दी गई है। इलाज के बाद विक्षिप्तों स्वस्थ होने पर पुनर्वास योजना के तहत ट्रांजिट हॉस्टल में उन्हें रखने की योजना थी, लेकिन रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव में से कहीं भी ट्रांजिट हॉस्टल नहीं बन सका है।

भटक रहे यहां-वहां

भरी बरसात में बिलासपुर रोड, स्टेशन रोड, सुंदरनगर मार्ग, पुरानीबस्ती इलाके में महिला-पुरुष विक्षिप्त यहां-वहां भटक रहे हैं। एक तो किस्मत का मारा, दूसरी तरफ मौसम की मार झेलने को विवश विक्षिप्तों को नया जीवन देने पर वर्तमान में कोई कार्य नहीं किया जा रहा है।

आम लोगों की दया पर मिट रही भूख-प्यास

राह चलते लोग दया कर विक्षिप्तों को खाना-पानी दे देते हैं। इसी से उनकी भूख-प्यास मिट रही है। खाने को मिल गया तो ठीक नहीं तो यहां-वहां पड़े या घूमते-फिरते रहते हैं। अन्य मौसम में तो कहीं पर भी रह लेते हैं, लेकिन बारिश में उनकी परेशानी बढ़ गई है।

निर्देश के बाद से स्वयंसेवी संस्थाओं से विक्षिप्तों को मेंटल हॉस्पिटल बिलासपुर भेजने जिम्मेदारी देने को लेकर प्रक्रिया अपनाई जा रही है। जल्द ही इसे जमीनी स्तर पर लागू करने का प्रयास किया जाएगा। ट्रांजिट हॉस्टल के संदर्भ में कुछ नहीं बता सकता।

संजय अग्रवाल, एसडीएम, रायपुर

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