छत पर लगा लिया 15 एकड़ के लिए धान का थरहा

पामगढ़ (जांजगीर चांपा, छत्‍तीसगढ़)। झूलन पचरी का एक प्रगतिशील किसान जमीन छोड़कर घर की छत पर 15 एकड़ खेत के लिए धान का थरहा लगाया है। खेत में जानवरों के चराई से तंग आकर उसने यह तरीका निकाला है। झूलन पचरी निवासी किसान बलेसर डहरिया मजदूर की समस्या के चलते कृषि विभाग के मार्गदर्शन में वर्ष 2011 पेडी ट्रांसप्लांटर (धान रोपाई) अनुदान में प्राप्त कर 50 एकड़ स्वयं का तथा 20 एकड़ अन्य किसानों का धान रोपा लगाते आ रहे हैं।

राष्ट्रीय कृषि विज्ञान योजना अंतर्गत तीन हजार रुपए प्रति एकड़ अनुदान प्राप्त कर रहे हैं। कृषि विभाग द्वारा 100 हेक्टेयर हाइब्रिड धान प्रदर्शन ग्राम झूलन पचरी में किया गया। इसमें बलेसर डहरिया भी शामिल हैं। वे अपना एवं अन्य किसानों का रोपा मशीन से लगाना चाहते हैं। उनका लगभग 15 एकड़ का थरहा अपने घर के छत में डालकर निश्चिंत हैं। बलेसर डहरिया अन्य किसानों से हटकर कृषि में आने वाली समस्या को दूर करने का उपाय सोच कर कार्य करते हैं।

रोपाई मशीन से रोपा लगाने पर प्रति एकड़ 7 सौ रुपए खर्च में रोपाई हो जाता है। इसी तरह जानवरों के खुले चराई से तंग आकर घर की छत पर थरहा लगा लिया है। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी जेपी बघेल ने बताया एक एकड़ के खेत के लिए 1 मीटर गुणित 20 मीटर की पट्टी की आवश्यकता होती है, जिसमें 9 इंच गुणित 18 इंच 140 नगर थरहा जो मिट्टी सहित मशीन में रखकर लगाया जाता है। एक एकड़ खेत में नर्सरी डालने के लिए 30 तगाड़ी गोबर खाद एवं 30 तगाड़ी मिट्टी की आवश्यकता होती है।

मिट्टी को सांचे में डालकर प्रति वर्ग मीटर 960 से 1 हजार ग्राम बीज डालकर नर्सरी तैयार किया जाता है। यदि किसान अपने घर के आंगन, छत में, बाड़ी में जहां पक्का स्थान हो और पानी भरने की व्यवस्था हो नर्सरी डाल सकते हैं। नर्सरी का मिट्टी पौधे की जड़ बंधकर खेत में चला जाता है। मिट्टी को हटाने की आवश्यकता नही पड़ती। बलेसर ने अपने घर के छत में थरहा लगाया है। दूसरी विधि खेत में 1 मीटर गुणित 20 मीटर की पट्टी बनाकर थरहा डाला सकता है, जो एक एकड़ के लिए पर्याप्त हैं।

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