आज भी मिड डे मील को हाथ नहीं लगाते गंडामन के बच्चे

छपरा (सदर)/मशरक. पिछले साल 16 जुलाई को विषाक्त मिड डे मील खाने से 23 बच्चों को गंवानेवाला धर्मसती गंडामन गांव आज भी उस हादसे से उबर नहीं पाया है. हादसे के बाद गंडामन के सामुदायिक भवन में चल रहे उस नवसृजित प्राथमिक विद्यालय को बंद कर दिया गया, जहां यह घटना हुई थी. वहां पढ़नेवाले बच्चों को आधा किमी दूर एक अन्य प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट कर दिया गया है. इस बदलाव के बाद पीड़ित परिवारों के बच्चे स्कूल तो जा रहे हैं, मगर वहां रोज पकनेवाले मिड डे मील को हाथ भी नहीं लगाते.

प्रशासनिक पदाधिकारियों ने पहुंच कर बच्चों व अभिभावकों को कई बार आश्वासन दिया है कि अब दुबारा वैसी घटना नहीं होगी. विद्यालय प्रशासन ने भी इस दिशा में प्रयास किया, लेकिन पीड़ित परिवारों के बच्चे मिड डे मील चखने को तैयार नहीं हैं. वे घर से ही दोपहर का भोजन व बोतल में पीने का पानी लेकर पहुंचते हैं. उस हादसे में इकलौते पुत्र शिवा को खोनेवाले राजू साह और उनकी पत्नी संजू कहते हैं कि कैसे भरोसा करें कि खाना ठीक ही होगा. राजू कहते हैं कि मेरी बेटी लक्ष्मी घर से ही खाना लेकर जाती है.

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