मध्‍यप्रदेश में कोयले की लाइजनिंग फीस में करोड़ाें का खेल

हर्ष पचौरी, भोपाल । मध्‍यप्रदेश के थर्मल पावर प्लांटों तक कोयले की सप्लाई करने वाली नागपुर की प्राइवेट फर्म नायर एंड संस पर एमपी पावर जनरेशन कंपनी की मेहरबानी फिर सामने आई है। पिछले पांच साल से कंपनी नागपुर की प्राइवेट फर्म को छत्तीसगढ़ की कोयला खदानों से सप्लाई की निगरानी के एवज में जो रकम अदा कर रही है, वो सामान्य दर से दो गुना से भी अधिक साबित हुई है।

जनरेशन कंपनी के अफसर स्वीकार करते हैं कि लाइजनिंग फीस पर कोई फिक्स पॉलिसी नहीं है। मामले का खुलासा प्रदेश के खंडवा में स्थित नए बिजली घर श्रीसिंगाजी थर्मल पावर प्लांट में लाइजनिंग कंपनी के चयन के दौरान हुआ। जनरेशन कंपनी ने श्रीसिंगाजी में छत्तीसगढ़ की कोरबा कोल खदानों से कोयला लाने के लिए राष्ट्रीय स्तर की कंपनी करमचंद थापर एंड संस को नियुक्त किया है।

इसने कोरबा से सर्वाधिक दूरी पर बने श्रीसिंगाजी प्लांट तक कोल सप्लाई की निगरानी की एवज में 4.5 रुपए प्रति मीट्रिक टन चार्ज किया, वहीं सिंगाजी के मुकाबले निकटतम माने जाने वाले संजय गांधी, अमरकंटक और सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट तक कोल सप्लाई की निगरानी के नाम पर नायर एंड संस को 10 रुपए प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से रकम अदा की जा रही है।

पावर जनरेशन कंपनी के रिकॉर्ड के मुताबिक तीनों थर्मल पावर प्लांट का वार्षिक कोल लिंकेज 1 करोड़ 50 लाख मीट्रिक टन है। कोयले की इस मात्रा की सप्लाई और निगरानी के नाम पर नायर एंड संस को पावर जनरेशन कंपनी पिछले पांच साल से हर साल 15 करोड़ रुपए अदा कर रही है। वहीं श्रीसिंगाजी प्लांट को केंद्र की ओर से 42.45 लाख मीट्रिक टन प्रतिवर्ष कोल आवंटन दिया गया है। यहां थापर एंड संस को अब 4.5 रुपए के हिसाब से 1 करोड़ 91 लाख रुपए अदा किए जाएंगे।

ऑडिट रिपोर्ट में लगी आपत्ति

बिजली घरों के संचालन के इस रवैये पर मध्यप्रदेश महालेखाकार ने अपनी रिपोर्ट में आपत्ति जाहिर करते हुए इसे फ्यूल कॉस्ट वृद्धि की प्रमुख वजह माना है। लाइजनर कंपनी नायर एंड संस पर पावर जनरेशन कंपनी की ये मेहरबानी ऐसे वक्त पर हो रही है जब प्रदेश के तीन प्रमुख बिजली घरों तक प्रतिमाह कोयले का तय आवंटन ही नहीं पहुंच पा रहा है।

कायदे से लाइजनिंग कंपनी नायर एंड संस पर सप्लाई लैप्स होने की सूरत में पेनाल्टी लगाई जानी थी। सरकार ने इसके बदले कंपनी को लैप्स सप्लाई की फीस भी अदा की और ट्रेक पर खड़े रेक को अनलोडिंग का इंतजार कराने की एवज में रेलवे को भी करोड़ाें रुपए का डैमरेज चुकाया।

कहां किस दर पर लायजनिंग चार्ज

प्लांट आवंटन मी.टन फर्म दर फीस

संजय गांधी 64 लाख नायर एंड संस 10 6.40 करोड़

अमरकंटक 20 लाख नायर एंड संस 10 2 करोड़

सतपुड़ा 66 लाख नायर एंड संस 10 6.60 करोड़

श्रीसिंगाजी 42.45 लाख थापर एंड संस 4.5 1.91 करोड़

इनका कहना है

कोल सप्लाई लाइजनिंग फीस पर कोई फिक्स पॉलिसी नहीं है। नायर और थापर एंड संस ने जिस दर पर टंेडर डाला था, उन्हें उसी दर पर नियुक्ति दे दी गई।

– अशोक संकुले, एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर, जेनको

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