खदानों में अवैध उत्खनन से 100 करोड़ का घोटाला

मृगेंद्र पांडेय, रायपुर। चूना पत्थर और फर्शी पत्थर का अवैध खनन करके खनन माफिया ने 100 करोड़ से अधिक का घोटाला किया है। खनन माफिया ने बंद खदानों में खुलेआम खनन किया। सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के अनुसार अकेले गरियाबंद जिले के बासिन में बंद खदानों से चूना पत्थर और फर्शी पत्थर निकाला गया, जिसमें रायल्टी जमा नहीं की गई।

इससे खनिज विभाग को 100 करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान हुआ। इस पूरे खेल में खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत का भी खुलासा हुआ है। अधिकारियों ने तीन साल पहले लीज खत्म होने के बाद भी खदानों को बंद कराने के लिए कोई कार्रवाई नहीं है।

आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार खनिज विभाग के अधिकारियों ने अपनी जांच में भी माना है कि गरियाबंद में अवैध खनन का खेल चल रहा है। बासीन में चूना पत्थर और फर्शी पत्थर की 46 खदानों को स्वीकृति मिली थी, जिसमें से सिर्फ 26 खदानों की लीज है। बाकी खदानों की लीज पिछले तीन साल से खत्म हो गई है। खनिज निरीक्षक की जांच रिपोर्ट के अनुसार गरियाबंद के अधिकांश क्षेत्र में खदानों का सीमांकन नहीं हुआ है। बासिन में स्वीकृत उत्खनन पट्टा क्षेत्र में सीमा स्तंभ नहीं लगे हैं। इससे स्वीकृत क्षेत्र स्पष्ट रूप से नहीं पहचाना जा सकता है।

यह है घोटाले का गणित

खनिज विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश की बंद खदानों के गड्ढों को भरने का प्रावधान है, लेकिन अधिकांश खदानों को बंद नहीं किया जाता है। इसके कारण अवैध खनन होता है। चूना पत्थर के 20 टन गिट्टी की रायल्टी 1400 रुपए है। बंद खदान से औसतन दो हजार टन गिट्टी निकलती है। ऐसे में एक दिन में 28 लाख रुपए की रायल्टी की चोरी होती है। पिछले तीन साल से अवैध खनन में खनिज विभाग को 100 करोड़ से ज्यादा के राजस्व का नुकसान हुआ।

सिर्फ तीन खदानों को पर्यावरण स्वीकृति

सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ तीन खदानों में पर्यावरण स्वीकृति है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद खदानों में खनन से पहले पर्यावरण स्वीकृति को अनिवार्य कर दिया गया है। वर्ष 2012 के बाद की खदानों में खनन की अनुमति पर्यावरण स्वीकृति के बाद ही मिलेगी, लेकिन यहां इन नियमों की अनदेखी की जा रही है। आरटीआई के अनुसार गरियाबंद में धर्मेंद्र परमार, बासीन, राजिम, ईश्वरी कुमार साहू, बारभाठा, राजिम और शीतल राजपूत, बारभाठा, राजिम की खदान को ही पर्यावरण की स्वीकृति है।

इन खदानों की लीज खत्म

गरियाबंद जिले के राजिम क्षेत्र के बासीन में चूना पत्थर की 20 खदानों की लीज पिछले तीन साल से समाप्त हो गई है। बावजूद इसके यहां अब भी अवैध खनन चल रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने कलेक्टर से लेकर मुख्य सचिव तक मामले की शिकायत की है। यह खदान बासीन के 16 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है।

पांच खदानों की लीज जुलाई में हो जाएगी खत्म

बासिन क्षेत्र की 26 खदानों की लीज अभी बाकी है, लेकिन इसमें से भी पांच खदानों की लीज जुलाई में खत्म हो रही है। ऐसे में यहां सिर्फ21 खदानों में खनन की अनुमति है। बावजूद इसके स्वीकृत खदानों के अलावा अवैध तरीके से अन्य क्षेत्रों में भी खुलेआम खनन हो रहा है।

कुछ समय पहले बासिन में अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। अगर दोबारा अवैध खनन शुरू हो गया है, तो माइनिंग अधिकारियों को निर्देश दिया जाएगा। अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रायल्टी नहीं रखने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

-निरंजन दास, कलेक्टर, गरियाबंद

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