रायपुर(निप्र)। छत्तीसगढ़ में मध्यप्रदेश के गेहूं से रोटी बनेगी। एक-दो दिन में अशोकनगर से गेहूं की रैक यहां आने वाली है। तब, लगभग दो माह बाद प्रदेश की राशन दुकानों में गेहूं पहुंच पाएगा। खाद्य सुरक्षा नीति 2013 के अंतर्गत यूपीएस सरकार ने अपने कार्यकाल में छत्तीसगढ़ का गेहूं आवंटन बंद कर दिया। केंद्र से मई और जून का गेहूं प्रदेश को नहीं मिला। इसी कारण दो माह से राशन दुकानों में भी गेहूं का आवंटन बंद है।
राज्य सरकार ने गेहूं की व्यवस्था के लिए मध्यप्रदेश राज्य सरकार से संपर्क साधा। मध्यप्रदेश सरकार अपने नागरिक आपूर्ति निगम से गेहूं उपलब्ध कराने को तैयार हो गई। तब, छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने दो सौ करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। इसके बाद यहां से नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों की एक टीम मध्यप्रदेश भेजी गई। अब पता चला है कि अशोकनगर से गेहूं यहां लाया जा रहा है।
उपभोक्ता भटक रहे
राशन दुकानों में गेहूं नहीं पहुंचने से उपभोक्ता भी दो माह से परेशान हैं। राशन दुकान संचालक और जिला खाद्य विभाग से स्थिति स्पष्ट नहीं की जा रही है कि कब तक गेहूं का आवंटन शुरू होगा।
दो माह के कोटे का क्या होगा?
राशन दुकानों में गेहूं इस माह के अंत तक पहुंचना मुश्किल लग रहा है। अगले माह के दूसरे हफ्ते तक गेहूं प्रदेशभर की राशन दुकानों में पहुंच पाएगा। लेकिन, अभी तक अधिकारी यह स्पष्ट नहीं कर रहे हैं कि उपभोक्ताओं को मई और जून का गेहूं मिलेगा या नहीं।
सोमवार को सुबह मध्यप्रदेश के अशोकनगर में गेहूं को रैक में लोड करने का काम शुरू हुआ। मंगलवार को रैक छत्तीसगढ़ के लिए रवाना होगी। बुधवार या गुरुवार तक गेहूं यहां पहुंच जाएगा। आरबी शुक्ला, जिला प्रबंधक, नान