कागजों में बना 81 लाख का डेम, कारोपानी के काले हिरण प्यासे!

पीयूष बाजपेयी, जबलपुर। आपको यदि एक लीटर पानी किसी डेम से निकालने के लिये यदि कोई 500 रुपये का इनाम दे तो आप इसे क्या कहेंगे। ये इनाम एक सामाजिक कार्यकर्ता ने देने की पेशकश की है। मामला सीधे तौर पर विश्व प्रसिद्ध डिण्डौरी के कारोपानी वाले काले हिरणों से जुड़ा हुआ है।

काले हिरणों की प्यास बुझाने और उनको बचाने के लिए जो डेम तैयार किया गया उसमें पानी नहीं है। क्योंकि डेम निर्माण में धांधली की गई है। ये आरोप आरटीआई से निकली जानकारी और मौके का मुआयना करने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता किशोर दुआ ने लगाया है। फरवरी माह में हुई शिकायत की जांच अब भी चल रही है और भरी गर्मी में काले हिरणों प्यासे रह गए।

ये है मामला

आरटीआई से निकाली गई जानकारी चौंकाने वाली है। सामाजिक कार्यकर्ता श्री दुआ के मुताबिक कारोपानी के जनपद पंचायत बजाग के अंतर्गत जल संसाधन विभाग ने जिला पंचायत से मिली स्वीकृति के बाद 80 लाख 90 हजार की लागत वाला बांध बनाया। साल 2010 में ये काम किया गया। लेकिन निर्माण के दौरान बड़ी गलतियां की गई। बेनामी फर्मों के बिल लगाकर 10 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया।

जल संसाधन विभाग इस बांध में उस समय तक 44 लाख रुपये खर्च होना बता रहा था। जब सामाजिक कार्यकर्ता ने एक उपयंत्री के साथ जांच की तो पता चला कि बांध में बमुश्किल 5 से 6 लाख रुपये का ही काम हो सका है। शिकायत में ये भी आरोप लगाया गया है कि फर्जी मस्टर रोल तैयार कर मनरेगा का भुगतान कर दिया गया।

वनविभाग भी कर रहा लाखों खर्च

साल 2010 की वन्यप्राणी गणना के अनुसार कारोपानी वन क्षेत्र में लगभग 155 काले हिरणों मौजूद थे। वन विभाग काले हिरणों को बचाने के लिये बकायदा एक संरक्षण परियोजना चला रहा है। जिसमें साल 2013 तक करोड़ों रुपये खर्च किए गए।

प्रबंधन कार्य योजना की दी गई जानकारी के हिसाब से साल 2012 के लिए परियोजना में 83 लाख रुपये का बजट मिला। यहां तक की यूएनडीपी के तहत भी काले हिरणों के संरक्षण के लिए 5 लाख रुपये साल 2011 में दिए गए। श्री दुआ के अनुसार इतनी बड़ी परियोजना में काले हिरणों के लिये ज्यादा कुछ नहीं किया जा सका है।

तो मिलेगा इनाम

शिकायत करने वाले किशोर दुआ ने फरवरी 2014 को मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग सिवनी के अलावा अधीक्षण यंत्री जल संसाधन जबलपुर, कार्यपालन यंत्री और संभागायुक्त कार्यालय में शिकायत दी। जिसमें अधिकारियों से मामले की उचित जांच किए जाने की मांग उठाई गई। साथ ही ये भी कहा कि यदि कोई उस डेम से जितने लीटर पानी निकालेगा उसे 500 रुपये प्रतिलीटर के हिसाब से इनाम दिया जायेगा।

इस मामले पर यदि शिकायत की गई है तो जरूर जांच की जाएगी।

जेएस कुसरे, एसई जल संसाधन विभाग जबलपुर

ये गंभीर विषय है। शिकायत के बारे में पता लगाया जाएगा कि आखिर उसकी जांच किस स्तर पर की जा रही है।

जेके जैन, संयुक्त उपायुक्त जबलपुर संभाग

पीयूष बाजपेयी, जबलपुर।
आपको यदि एक लीटर पानी किसी डेम से निकालने के लिये यदि कोई 500रुपये का
इनाम दे तो आप इसे क्या कहेंगे। ये इनाम एक सामाजिक कार्यकर्ता ने देने की
पेशकश की है। मामला सीधे तौर पर विश्व प्रसिद्ध डिण्डौरी के कारोपानी वाले
काले हिरणों से जुड़ा हुआ है।

काले हिरणों की प्यास बुझाने और उनको
बचाने के लिए जो डेम तैयार किया गया उसमें पानी नहीं है। क्योंकि डेम
निर्माण में धांधली की गई है। ये आरोप आरटीआई से निकली जानकारी और मौके का
मुआयना करने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता किशोर दुआ ने लगाया है। फरवरी माह
में हुई शिकायत की जांच अब भी चल रही है और भरी गर्मी में काले हिरणों
प्यासे रह गए।

ये है मामला

आरटीआई से निकाली गई जानकारी
चौंकाने वाली है। सामाजिक कार्यकर्ता श्री दुआ के मुताबिक कारोपानी के जनपद
पंचायत बजाग के अंतर्गत जल संसाधन विभाग ने जिला पंचायत से मिली स्वीकृति
के बाद 80 लाख 90 हजार की लागत वाला बांध बनाया। साल 2010 में ये काम किया
गया। लेकिन निर्माण के दौरान बड़ी गलतियां की गई। बेनामी फर्मों के बिल
लगाकर 10 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया।

जल संसाधन विभाग इस बांध
में उस समय तक 44 लाख रुपये खर्च होना बता रहा था। जब सामाजिक कार्यकर्ता
ने एक उपयंत्री के साथ जांच की तो पता चला कि बांध में बमुश्किल 5 से 6 लाख
रुपये का ही काम हो सका है। शिकायत में ये भी आरोप लगाया गया है कि फर्जी
मस्टर रोल तैयार कर मनरेगा का भुगतान कर दिया गया।

वनविभाग भी कर रहा लाखों खर्च

साल
2010 की वन्यप्राणी गणना के अनुसार कारोपानी वन क्षेत्र में लगभग 155 काले
हिरणों मौजूद थे। वन विभाग काले हिरणों को बचाने के लिये बकायदा एक
संरक्षण परियोजना चला रहा है। जिसमें साल 2013 तक करोड़ों रुपये खर्च किए
गए।

प्रबंधन कार्य योजना की दी गई जानकारी के हिसाब से साल 2012 के
लिए परियोजना में 83 लाख रुपये का बजट मिला। यहां तक की यूएनडीपी के तहत भी
काले हिरणों के संरक्षण के लिए 5 लाख रुपये साल 2011 में दिए गए। श्री दुआ
के अनुसार इतनी बड़ी परियोजना में काले हिरणों के लिये ज्यादा कुछ नहीं
किया जा सका है।

तो मिलेगा इनाम

शिकायत करने वाले किशोर दुआ ने
फरवरी 2014 को मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग सिवनी के अलावा अधीक्षण
यंत्री जल संसाधन जबलपुर, कार्यपालन यंत्री और संभागायुक्त कार्यालय में
शिकायत दी। जिसमें अधिकारियों से मामले की उचित जांच किए जाने की मांग उठाई
गई। साथ ही ये भी कहा कि यदि कोई उस डेम से जितने लीटर पानी निकालेगा उसे
500 रुपये प्रतिलीटर के हिसाब से इनाम दिया जायेगा।

इस मामले पर यदि शिकायत की गई है तो जरूर जांच की जाएगी।

जेएस कुसरे, एसई जल संसाधन विभाग जबलपुर

ये गंभीर विषय है। शिकायत के बारे में पता लगाया जाएगा कि आखिर उसकी जांच किस स्तर पर की जा रही है।

जेके जैन, संयुक्त उपायुक्त जबलपुर संभाग

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