अत्यधिक राजकोषीय घाटा घातकः मूडीज

नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था अत्यधिक राजकोषीय घाटे के कारण आर्थिक झटकों के प्रति संवेदनशील है। यह बात गुरुवार को साख निर्धारित करने वाली एजेंसी मूडीज की तरफ से कही गई।

मूडीज के मुताबिक देश की साख का दृष्टिकोण सरकार की उन पहल पर निर्भर करेगा जो अगले महीने पेश होने वाले बजट में खर्च घटाने और वैश्विक जिंस कीमतों के प्रति संवेदनशीलता कम करने के लिए किए जाएंगे।

मूडीज ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘साख निर्धारण (रेटिंग) के लिए ज्यादा प्रासंगिक यह होगा कि क्या बजट में ऐसे पहल शामिल किए जाएंगे जो सरकार के कम राजस्व संग्रह, अधिक खर्च और जिंस कीमतों की संवेदनशीलता से निपटने के लिए उठाए गए हों।’

बजट घाटा अधिक

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत का बजट घाटा उच्च स्तर पर है। इससे व्यापक आर्थिक असंतुलन पैदा होता है, लिहाजा यह अर्थव्यवस्था को झटकों के प्रति संवेदनशील बनाता है।

मूडीज की तरफ से कहा गया, ‘राजकोषीय घाटा कम करने की पहल के अभाव में भारत तेज आर्थिक विकास दर नहीं हासिल कर सकता, हालांकि इसका अनुमान लगाया गया है। जुलाई के बजट में इस बात का संकेत मिल सकता है कि आने वाले दिनों में भारत की रेटिंग से जुड़ी राजकोषीय अड़चनें कम होंगी या नहीं।’

उम्मीद की जा रही है कि आम बजट जुलाई के दूसरे हफ्ते में पेश किया जाएगा।

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