हैरान करती महंगाई: भंडार भरे, फिर भी बढ़ा दी तेल, अनाज और सब्जी की कीमतें

भोपाल. कमजोर मानूसन की
आशंका के चलते पिछले 10 दिनों में अधिकांश जरूरी खाद्य वस्तुओं के फुटकर
दाम 15 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुके हैं। कीमतों में इस अप्रत्याशित तेजी से
आम लोगों के अलावा अर्थव्यवस्था के जानकार भी हैरान हैं। इस हैरानी का कारण
है कि इनमें से अधिकांश जरूरी वस्तुओं का न सिर्फ पर्याप्त भंडारण मौजूद
है, बल्कि उनकी आपूर्ति भी सुचारू रूप से हो रही है।
 
राजधानी में दाल-चावल समेत कुछ खाद्यान्नों के थोक दाम पिछले 15 दिनों
से जस के तस हैं, फिर भी फुटकर बाजार में इनके दाम बढ़ गए हैं। विशेषज्ञ
कह रहे हैं कि बाजार में अफवाह फैलाने वाले तत्व सक्रिय हैं। ये बाजार में
कृत्रिम अभाव की स्थिति निर्मित करके भाव बढ़ा रहे हैं। प्याज के मामले में
खासतौर पर यह देखने को मिल रहा है। 
 
मप्र में इस बार प्याज का २8 लाख टन रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। स्टॉक भी
पर्याप्त है। इसके बाद भी दाम 38 फीसदी तक बढ़ चुके हैं।  करोंद मंडी
सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष मो. वसीम का कहना है कि महाराष्ट्र में
हड़ताल के चलते शाजापुर से दूसरे राज्यों को प्याज जा रही थी। इसलिए कुछ
दाम बढ़ गए थे। अब दाम घटना चाहिए।  
 
थोक मंडी में नहीं बढ़े दाम
 
मप्र, राजस्थान में दाल का उत्पादन पर्याप्त है। ऐसे ही चावल की आवक
भी भरपूर है। इसके चलते थोक बाजार में तो दाम पिछले 10 दिनों में  नहीं
बढ़े, न ही इनके आगे बढऩे की ही संभावना है।  
 
मोतीराम वाधवानी, अध्यक्ष, दाल-चावल व्यापारी महासंघ 

सोया के दाम तो घटने चाहिए 
 
सोयाबीन का उत्पादन पिछले साल से 20-25 फीसदी कम था, लेकिन पिछले 15
दिनों मेें तो स्थिति उलटी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोया तेल के दाम
गिर रहे हैं। ऐसे में यहां भी दाम घटने चाहिए। 
 
राजेश अग्रवाल, प्रवक्ता, सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिशन ऑफ इंडिया  

बढ़ोतरी समझ से परे 
 
गेहूं के दाम मंडियों में लगातार गिर रहे हैं। आगे भी दाम गिरने की संभावना ज्यादा है। ऐसे में आटे के दाम बढऩा समझ से परे है।  
 
संजीव जैन, सचिव, भोपाल गे्रन एंड ऑयल सीड मर्चेट एसोसिएशन  

इस तरह रुक सकता है कीमतों में कृत्रिम इजाफा 
 
जब प्याज का उत्पादन प्रदेश में पर्याप्त है तो सरकार आसानी से पता
लगा सकती है कि प्याज कहां जमा की जा रही है। सरकार थोक और फुटकर मार्केट
में दामों में आ रहे अंतर पर नजर रखे। कमजोर मानूसन के चलते दामों में और
इजाफा हो सकता है, लेकिन जमाखोरी पर अंकुश
जरूरी है।
 
– डीएस रावत, महासचिव, एसोचैम

लिखित सूचना पर कार्रवाई
 
यदि किसी के पास जमाखोरी के संबंध में कोई सूचना है तो वह कलेक्टोरेट
में आकर हमें लिखित सूचना दे सकता है। हम टीम बनाकर कार्रवाई करेंगे।
 
बीएस जामोद, प्रभारी कलेक्टर

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