जनवितरण प्रणाली में खामियों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने

पटना. जन वितरण प्रणाली की खामियों को लेकर केंद्र और राज्य
सरकार आपस में टकरा रही हैं। दोनों अपनी खामियों का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़
रहे हैं। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मामले के मंत्री रामविलास
पासवान ने कहा कि राज्य सरकार अनाज का कम उठाव कर रही है, इसलिए अनाज
गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है।
 
गोदाम खाली नहीं हो रहे हैं, इस कारण एफसीआई की ओर से अनाज उपलब्ध
कराने में भी कठिनाई होती है। इन्हीं कारणों से अप्रैल के कोटे का 75 रैक
अनाज को रद्द करना पड़ा। मार्च से अप्रैल, 2014 तक राज्य को 13.37 लाख टन
अनाज का उठाव करना था, पर वह मात्र 5.96 लाख टन अनाज का ही उठाव किया गया। 
 
कहा- खाद्य सुरक्षा अधिनियम को भी बिहार में पूरी तरह से लागू नहीं
किया गया, जबकि चार जुलाई तक इसे लागू कर लेना था। इस अधिनियम के तहत बिहार
के 8.71 करोड़ लोगों को अनाज उपलब्ध कराना है। इनमें 7.90 करोड़ ग्रामीण
और शेष शहरी क्षेत्र के लोगों को शामिल करना है।
 
पासवान ने अनुरोध किया कि जन वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने का
दायित्व राज्य सरकार जिलाधिकारियों को दे। रामविलास ने रविवार को प्रेस
वार्ता में कहा- राज्य के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक
आरोप लगाया है कि एफसीआई के रवैये के कारण राज्य खाद्य निगम को 8.18 लाख टन
अनाज के उठाव में कठिनाई हुई। जबकि, सच्चाई यह है कि राज्य सरकार इसमें
विफल रही। 
 
अपडेट आंकड़ा नहीं देने पर नाराज हुए केंद्रीय मंंत्री

पासवान ने एफसीआई के पदाधिकारियों की रविवार को जमकर क्लास ली। उन्होंने
कहा कि आप लोगों ने व्यवस्था को चौपट बनाकर रख दिया है। पदाधिकारियों
द्वारा अपडेट आंकड़ा तैयार नहीं रखे जाने से वे नाराज थे।

उपभोक्ता फोरम की प्रक्रिया होगी सरल 

रामविलास ने कहा कि उपभोक्ता फोरम में दो-तीन साल तक मामले लंबित रहते हैं।
इससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। फोरम में सुनवाई की
प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। मौके पर एफसीआई के जीएम सत्यानंद भी थे।

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