कूड़े से बिजली: कचरे से 8000 घरों को मिल रही है रोशनी

नई दिल्ली. दिल्ली में कचरे के निस्तारण से 8000 घरों को रोशनी
मिल रही है। ओखला स्थित वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र से रोजाना 16 मेगावाट
बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। यहां पर रोजाना लगभग 1300 टन कचरे का
उपयोग हो रहा है। 

एनडीएमसी के अध्यक्ष जलज श्रीवास्तव का कहना है कि इस संयंत्र में रोजाना
16 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जिससे 8000   की गई थी। संयंत्र
में रोजाना 1300 टन कचरे का इस्तेमाल होता है। इनमें से एनडीएमसी 200 से
400 टन कचरे की आपूर्ति करता है और शेष कचरे की आपूर्ति नगर निगम करता है।
बता दें कि दिल्ली में कचरे का निपटान एक गंभीर समस्या है और प्रदूषण के
लिए एक बड़ा कारक है।
 
ऐसे में कचरे से बिजली के उत्पादन से लोगों को कई समस्याओं से निजात
मिल रही है। जहां एक ओर दिल्ली में रोजाना उत्पादित होने वाले कचरे का एक
बड़ा हिस्सा यहां पर बिजली उत्पादन के लिए उपयोग हो रहा है तो दूसरी ओर
बिजली संकट से जूझ रहे दिल्लीवासियों के लिए एक राहत भरी खबर है।

सौर ऊर्जा से गुलजार होंगे मेट्रो स्टेशन

मेट्रो स्टेशनों में रोशनी के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन सौर ऊर्जा
का इस्तेमाल करेगी। इसी कड़ी में डीएमआरसी ने द्वारका सेक्टर 21 मेट्रो
स्टेशन में पहला ‘रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट’ लगाने का काम पूरा कर लिया है।
जिसका उद्घाटन डीएमआरसी के डायरेक्टर (इलेक्ट्रिकल) अनूप कुमार गुप्ता ने
रविवार को किया है।
 
इस सौर ऊर्जा संयंत्र के शुरू होने के साथ डीएमआरसी देश का पहला
मेट्रो नेटवर्क होगा, जहां रूप टॉप सोलर पॉवर प्लांट से बिजली का उत्पादन
किया जाएगा। डीएमआरसी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अगले माह से यह प्लांट
500 किलो वाट पावर का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
 
इस बिजली का इस्तेमाल मेट्रो स्टेशन में बिजली की जरूरतों को पूरा
करने में करेगा। डीएमआरसी जल्द ही सौर ऊर्जा संयंत्रों को अपने अन्य मेट्रो
स्टेशन, डिपो, पार्किग लॉट में स्थापित करेगा।

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