सहकारी शक्कर कारखानों की नीलामी का उच्चस्तरीय बैठक में होगा फैसला: पाटील

मुंबई. विदर्भ सहित
राज्य के अन्य हिस्सों में सहकारी शक्कर कारखानों की नीलामी के मसले का हल
आगामी दिनों में उच्चस्तरीय बैठक बुलाकार निकाला जाएगा। यह जानकारी मंगलवार
को सहकार मंत्री हर्षवर्धन पाटील ने विधान परिषद में दी। 
 
भाजपा की शोभाताई फडणवीस ने यह मसला ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत
उठाया। फडणवीस ने कहा-राज्य सरकार ने भरोसा दिलाया था कि राज्य के एक भी
शक्कर कारखाने को नीलाम नहीं होने दिया जाएगा।  इसके बावजूद सात शक्कर
कारखानों और सूत मिल की बिक्री प्रक्रिया शुरू की गई है। जवाब में पाटील ने
स्वीकार किया कि अब तक नीलाम हुए शक्कर कारखानों की बिक्री प्रक्रिया में
गड़बड़ी पाई गई है।
 
विदर्भ में 19 सहकारी शक्कर कारखाने थे। उनमें से 11 कारखानों को बेच
दिया गया। मौजूदा समय में 7 कारखाने शेष बचे हैं और संकट में हैं।  पाटील
ने कहा कि बीते वर्ष 3 सितंबर को हुई बैठक में दिवालिया हो चुके शक्कर
कारखानों को न बेचने का निर्देश राज्य सहकारी बैंक और जिला मध्यवर्ती
बैंकों को दिया गया था। सरकार की भूमिका है कि सभी शक्कर कारखाने सहकार
विभाग के अधीन रहें और किसानों का उन पर मालिकाना हक हो।
 
इस मसले पर जल्द ही उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जाएगी। बैठक में जिला
मध्यवर्ती बैंक और  राज्य सहकारी बैंकों के प्रमुखों को भी बुलाया जाएगा।
इस बैठक में तमाम मसलों का उचित हल निकाला जाएगा। उन्होंने 7 शक्कर
कारखानों व सूत मिल की बिक्री पर रोक लगाने से यह कहते हुए इनकार किया कि
बैठक में सभी फैसले होंगे।
 
यशवंत शक्कर कारखाना शुरू करने की प्रक्रिया जारी 
 
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता विकास लवांड़े के अनशन के बाद पुणे
स्थित यशवंत सहकारी शक्कर कारखाना शुरू करने की प्रक्रिया सहकार विभाग ने
शुरू कर दी है। विगत तीन सालों से यह कारखाना बंद है।  लवांड़े ने बताया कि
यशवंत शक्कर कारखाना बंद होने के कारण किसानों का नुकसान हो रहा है। इसके
चलते 3 जून से अनशन शुरू किया गया था। सोमवार को आखिरकार शक्कर आयुक्त विजय
सिंघल ने लिखित आश्वासन देकर सूचित किया कि कारखाना फिर से शुरू करने की
प्रक्रिया जारी है। उसके बाद अनशन समाप्त किया गया। लवांड़े ने कहा कि भले
ही अनशन समाप्त किया है किंतु कारखाना शुरू होने तक संघर्ष जारी रखेंगे।

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