नदियां जोडऩे के खिलाफ बादल, सरकार के एजेंडे का विरोध – इंद्रप्रीत सिंह

चंडीगढ़। एनडीए के
गठजोड़ साथी शिरोमणि अकाली दल ने नदियों को जोडऩे संबंधी मोदी सरकार के
एजेंडे का विरोध किया है। मुख्यमंत्री परकाश सिंह बादल ने मंगलवार को कहा,
नदियों को जोडऩे का फैसला पंजाब को मंजूर नहीं। केंद्र सरकार राइपेरियन
सिद्धांत का ख्याल रखे। तीन कैबिनेट मंत्रियों के शपथ लेने के बाद
पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, पंजाब की किन नदियों को
जोडऩे की बात की जा रही है, सभी पर तो डैम बने हुए हैं और पानी को रोककर
चैनेलाइज किया गया है। एनडीए में शिअद सबसे भरोसेमंद भागीदार है। किसी
फैसले का यह पहला विरोध है। अकाली दल शुरू से ही नदियों को जोडऩे का खिलाफ
रहा है। इससे पहले वाजपेयी सरकार में नदियों को जोडऩे का प्रोजेक्ट शुरू
किया गया था। गौरतलब है कि सोमवार को राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में
नदियां जोडऩे को केंद्र सरकार का एजेंडा बताया था।
 
राइपेरियन सिद्धांत 

राइपेरियन सिद्धांत नदियों के जल बंटवारे को लेकर बनाया गया है। इसके
अनुसार पानी पर केवल उन राज्यों का अधिकार होगा जहां से होकर नदियां गुजरती
हैं। यानी जहां से पानी आता है उसका अधिकार और जहां पर होकर बहता है, उसका
ही पानी पर अधिकार होगा। दूसरा पानी को स्टेट लिस्ट में रखा गया है। लेकिन
पंजाब और हरियाणा के पुनर्गठन के दौरान दोनों राज्यों के बीच छिड़े विवाद
को लेकर केंद्र सरकार ने 1982 में नदियों के जल का बंटवारा कर दिया। इसका
पंजाब ने विरोध किया। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच जो समझौते हुए वह
कैप्टन सरकार ने 2005 में रद्द कर दिए जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई
है। राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट से इस पर मशविरा मांगा हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *