जल्द निर्णय लेंः बांधों में सरप्लस पानी, फिर भी नहीं बना रहे बिजली

रावतभाटा. पिछले मानसून में अच्छी बारिश से चंबल के दोनों बड़े
बांध गांधीसागर और राणा प्रताप सागर में इतना पानी है कि इस साल नहरों को
182 दिन पानी देने के बाद भी .75 मिलियन एकड़ फीट सरप्लस पानी रहेगा।
सरप्लस पानी होने के बावजूद राणा प्रताप सागर और जवाहर सागर बांध में
अतिरिक्त बिजली नहीं बनाई जा रही है।
 
राजस्थान के अधिकारियों ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
हालांकि मध्य प्रदेश के गांधीसागर पनबिजलीघर में बिजली का उत्पादन शुरू हो
गया है। इससे उत्पादन निगम को 100 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी। सरप्लस पानी
से राणा प्रताप सागर और जवाहर सागर बांधों में अगले 50 दिनों में 40 करोड़
यूनिट बिजली बनाई जा सकती है, जिससे 200 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी। 
 
इस मानसून में भी लगभग 3.56 मिलियन एकड़ फीट पानी आने की संभावना है।
ऐसे में राजस्थान के दोनों बांधों में अतिरिक्त पानी को बिना बिजली बनाए ही
छोडऩा पड़ेगा। जानकारों के अनुसार सरप्लस पानी से बिजली बनाने का काम
अप्रैल से शुरू हो जाना चाहिए था। बिजली बनाकर पानी छोडऩे का निर्णय
मध्यप्रदेश में जबलपुर और राजस्थान में जयपुर के अधिकारी लेते हैं।
 
निर्देश मिलेगा तो बनाएंगे बिजली
॥राणाप्रताप पन बिजली घर में 43 मेगावाट की 4 इकाइयां हैं। अधिकारियों से निर्देश मिलेगा तो हम बिजली बनाने के लिए तैयार हैं। 
-एजे खान, एक्सईएन राणा प्रताप सागर पनबिजलीघर

जल्द ही निर्णय करेंगे
॥चंबल के बांध राजस्थान और मध्यप्रदेश की संयुक्त परियोजना है। इसके पानी
का उपयोग कैसे किया जाए इसका निर्णय दोनों प्रदेश के अधिकारी करते हैं।
दोनों प्रदेशों में पानी को लेकर समन्वय हो इसको लेकर पत्र लिखा गया है।
जल्दी ही बैठक में निर्णय होगा।
-आरके पारीक, अधीक्षण अभियंता राणा प्रताप, जवाहर सागर बांध जल संसाधन विभाग
 
बन सकती है 200 करोड़ की बिजली
 
राणाप्रताप सागर व गांधी सागर बांधों के पानी का मेनेजमेंट सही नहीं होने से इस साल अरबों लीटर पानी व्यर्थ बहने की आशंका है।

> राणाप्रताप सागर की पूर्ण भराव क्षमता में 2.35 एमफीट
> बांध में 1.72 फीट पानी है
> गांधी सागर की पूर्ण भराव क्षमता 1312 फीट
> पूर्ण क्षमता पर केपीसिटी 5.91 एमफीट
> बांध में 3.81 एमफीट पानी है

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